बरेली: टीबी रोगियों को गोद लेकर सेवा कर रहे तुलसी मठ के महंत, इलाज की उठाई जिम्मेदारी

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Published By Vishal Singh
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तुलसी मठ के महंत नीरज नयन दास 100 टीबी रोगियों को ले चुके हैं गोद

टीबी रोगियों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। यहां के तुलसी मठ के महंत नीरज नयन दास टीबी रोगियों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें गोद

बरेली, अमृत विचार। टीबी रोगियों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। यहां के तुलसी मठ के महंत नीरज नयन दास टीबी रोगियों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें गोद लेकर अन्य धर्मगुरुओं को टीबी मरीजों की सहायता करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मठ पर आने वाले अनुयायियों को भी जागरूक कर रहे हैं। मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।

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जिला क्षय रोग अधिकारी डा. केके मिश्रा के मुताबिक महंत नीरज नयन दास ऐसे धर्मगुरु हैं, जो मठ में धार्मिक कार्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी महसूस करते हैं। वह अब तक 100 से ज्यादा टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं। उनका हर तरह से ख्याल रखते हैं। वह विभाग के सक्रिय निक्षय मित्र हैं। अगर उनकी तरह और धर्मगुरु आगे आएं तो इस बीमारी का उन्मूलन जल्द हो जाएगा। वह संपर्क में आने वाले हर टीबी मरीज की सेवा करते हैं। इस वक्त वह पांच टीबी मरीजों को पोषण आहार दे रहे हैं।

यूं जगी मन में टीबी रोगियों की सेवा की अलख
महंत नीरज के अनुसार तुलसी मठ रामानंदीय निर्मोही अखाड़ा से संबद्ध है। यहां 500 वर्ष पहले तुलसीदास जी ने कथा की थी। उनका नाता इस स्थान से बाल्यकाल से ही रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले बदायूं के एक किसान, जिनके मुंह से खून आ रहा था। उन्होंने उनकी जांच जिला अस्पताल में कराई तो पता चला वह टीबी से संक्रमित हैं। लगभग नौ माह चले इलाज के दौरान अपने घर पर ही रख कर किसान की सेवा की। इसके बाद उन्होंने टीबी रोगियों की मदद का बीड़ा उठा लिया। वह हर सोमवार को टीबी क्लीनिक के दौरान भोजन बांटते हैं।

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