मुरादाबाद : महायोजना 2031 को एमडीए बोर्ड बैठक में मिली हरी झंडी, अब शासन की अनुमति का हो रहा इंतजार
एमडीए की ओर से प्रस्तुत की गई महायोजना को लेकर 410 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थीं
मंडलायुक्त सभागार में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में आयुक्त आन्जनेय कुमार सिंह, जिला अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, उपाध्यक्ष प्राधिकरण शैलेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव व अन्य।
मुरादाबाद,अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में बुधवार को महायोजना 2031 पास हो गई। प्राधिकरण के मास्टर प्लान को लेकर पिछले कई महीनों से तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन, बुधवार को आखिरकार मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई एमडीए बोर्ड की बैठक में महायोजना-2031 पर बोर्ड की मुहर लग गई, अब शासन की अनुमति का इंतजार रहेगा। वहीं दिल्ली और कांठ रोड पर कामर्शियल गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने का फैसला किया गया। यानि कि अब इन दोनों मार्गों पर नीचें दुकान और ऊपर आवास का निर्माण किया जा सकेगा।
एमडीए की ओर से प्रस्तुत की गई महायोजना को लेकर 410 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई थीं। इन आपत्तियों पर एमडीए उपाध्यक्ष शैलेश कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सुनवाई की थी। जिसके बाद मास्टर प्लान को एमडीए बोर्ड की बैठक में रखा गया। बुधवार को मंडलायुक्त सभागार में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की 131वीं बोर्ड की बैठक में आयोजित हुई। इसकी अध्यक्षता मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने की।
उपाध्यक्ष शैलेश कुमार ने बताया कि दिल्ली रोड और कांठ रोड पर कामर्शियल गतिविधयों को बढ़ावा देने के लिए बाजार स्ट्रीट को पास किया गया है। यानि की इन क्षेत्रों में लोग नीचे दुकान और ऊपर मकान बना सकेंगे। दिल्ली रोड पर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सामने इंटीग्रेटेड टाउनशिप का प्रस्ताव है। इस टाउनशिप को टीएमयू द्वारा विकसित किए किया जाएगा। यह टाउनशिप 60 एकड़ जमीन में बसेगी।
इसके फ्रंट की जगह को एमडीए ने कॉमर्शियल किया है, जिससे वहां मॉल या काम्प्लेक्स बनने का रास्ता साफ हो गया है। इसके पीछे आवासीय टाउनशिप होगी। इसके अलावा दिल्ली रोड पर ही चड्ढा ग्रुप की इंटीग्रेटेड टाउनशिप को फिर से मौका दिया गया है। इससे पहले भी चड्ढा ग्रुप को दिल्ली रोड पर नया मुरादाबाद के पीछे टाउनशिप बनानी थी। लेकिन, 2010 से यह ग्रुप लगातार इसके लिए एमडीए से एक्सटेंशन लेता आ रहा है। पूर्व में इनके इंटीग्रेटेड टाउनशिप लाइसेंस को निरस्त करने का फैसला हुआ था। लेकिन, एक बार फिर से एमडीए बोर्ड ने चड्ढा ग्रुप को एक और मौका दिया है।
इसके अलावा महायोजना में निर्यातकों की मांग पर विशेष आर्थिक क्षेत्र तक 36 मीटर चौड़े महायोजना मार्ग तथा उसकी दोनों ओर 500 मीटर चौड़े औद्योगिक क्षेत्र साथ ही एसईजेड के निकट लगभग 200 एकड़ के शिल्पग्राम की व्यवस्था दी गई है। वहीं रामगंगा व गागन नदी के किनारे सुनियोजित विकास करने तथा रिवरफ़्रंट विकास के दृष्टिकोण से भी जगह आरक्षित की गई है। बोर्ड सदस्य राजू कालरा द्वारा शहर में 2031 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया, जबकि विकास जैन द्वारा दिल्ली रोड पर आवश्यकता को देखते हुए व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। मास्टर प्लान में मछली मंडी और कैटल कालोनी को शहर के बाहर स्थापित करने की व्यवस्था भी बनाई गई है।
बैठक में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एमडीए सचिव राजीव पांडे, मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव, प्रभारी नगर आयुक्त अतुल कुमार, प्रभारी विधि एसीएम प्रबुद्ध सिंह, मुख्य अभियंता नीरज कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता अमित कादियान, अधिशासी अभियंता राजीव रतन प्रताप सिंह, नगर नियोजक कौशवेंद्र कुमार गौतम व सहायक अभियंता सत्यव्रत भावल शामिल रहे।
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