बरेली: रामायण वाटिका की भव्य सुंदरता दिलाएगी नाथनगरी को अद्भुत पहचान, CM योगी करेंगे शिलान्यास 

बरेली: रामायण वाटिका की भव्य सुंदरता दिलाएगी नाथनगरी को अद्भुत पहचान, CM योगी करेंगे शिलान्यास 

बरेली,अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज (बुधवार) को बरेली जिले को करोड़ों रुपए की सौगात देंगे। लेकिन, इन सब में सबसे खास बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की रामगंगा नगर योजना में प्रस्तावित रामायण वाटिका का भी मुख्यमंत्री शिलान्यास करेंगे। 

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वाल्मीकि रामायण काव्य वनस्पति विज्ञानियों के लिए ज्ञान का भंडार है। जिसमें विभिन्न प्रकार के वन एवं पौधों का विस्तृत विवरण है। आपने रामायण को एक महान राजा के बारे में महाकाव्य के रूप में सुना है। रामायण के बारे में धार्मिक ग्रंथ के रूप में सुना है। रामायण को भगवान की गाथा के रूप में भी सुना है। लेकिन किसी ने अभी तक  रामायण के बारे में वनस्पति विज्ञान की कृति के रूप में नहीं सुना है या भूगोल का एक पाठ या इतिहास के स्रोत के रूप में भी। रामायण में 6 वन का विवरण मिलेगा। जिसमें पहले 4 वन में राम ने अपना वनवास काटा। बरेली विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की जा रही डिजाइन रामायण वाटिका के निर्माण की परिकल्पना इसी हरित रामायण के ऊपर आधारित है।

वास्तुकार सुमित अग्रवाल को इसकी जिम्मेदारी बीडीए ने सौंपी। सुमित ने जिम्मेदारी मिलने के बाद वाल्मीकि रामायण एवं रामचरितमानस पर हुए विभिन्न शोध से जानकारी ली एवं इस रामायण वाटिका की संकल्पना की है ।

वाल्मीकि रामायण काव्य में 182 पौधों का विवरण मिलता है (जिसमें फूल पेड़ फल ) और किस किस वन में कौन से पोधे थे, उन सबका आज भी उन्ही वनों में इन वनस्पतियों के अस्तित्व की पुष्टि होती है। रामायण वाटिका में 105 पेड़, पांच छोटे पेड़, 20 जलीय पौधे, 15 क्लाइंबर, एक क्रीपर, 6 तरह की घास, 8 तरह की झाड़ियां एवं 22 तरह की जड़ी बूटियों का रोपण किया जाना प्रस्तावित है।\

प्रभु राम अयोध्या से लंका जाते हुए चित्रकूट, दंडकारण्य, पंचवटी, किष्किंधा, पंपा सरोवर एवं लंका के जंगलों में होते हुए पहुंचे और  वाल्मीकि रामायण में इन सभी जंगल में कौन-कौन से पौधे पर आदि थे उन सब का विस्तृत विवरण है उसी का रामायण वाटिका में चित्रित करने की योजना है। 

रामायण वाटिका का निर्माण रामगंगानगर के सेक्टर 2 में करीब 32000 वर्ग मीटर भूमि पर किया जा रहा है। जिले की यह भी एक अलग पहचान होगी।नाथ नगरी के नाम से अपनी पहचान रखने वाले शहर को रामायण वाटिका अलग पहचान दिलाएगा।

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