चरमपंथियों पर सिख नेता प्रो. ख्याला की तीखी प्रतिक्रिया, कहा- हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों की आय का उपयोग कर रही पाकिस्तान सरकार
अमृतसर। भारतीय जनता पार्टी के सिख नेता प्रो सरचंद सिंह ख्याला ने पाकिस्तान के लाहौर शहर में स्थित शहीद भाई तारू सिंह की मजार पर चरमपंथियों द्वारा किए गए अतिक्रमण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आंतरिक और बाहरी मसलों में उलझे पाकिस्तान का अस्तित्व और संप्रभुता पूरी तरह खतरे में है, लेकिन पाकिस्तान में चरमपंथी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
प्रो ख्याला ने गुरुवार को कहा कि कुछ दिन पहले चरमपंथी मुसलमानों ने सिंध राज्य के फजल भांभोर क्षेत्र के नौकोट स्थित हिंदू रामापीर मंदिर पर हमला किया था, मां दुर्गा की मूर्ति को नष्ट करने के अलावा वहां के खजाने को भी लूटा था, जो बर्दाश्त के बाहर हैं।
उन्होंने कट्टरपंथियों को होश में आने की नसीहत देते हुए कहा कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ पूरी शिद्दत से लड़ने वाले शहीद भाई तारू सिंह की शहादत ने नादिर शाह द्वारा लगाए गए लाहौर के गवर्नर ज़करिया खान का वजूद खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा कि शहीद भाई तारू सिंह की मजार पर सुहैल भट्ट और उमर नाम के उग्रवादियों द्वारा कब्जा करने का मकसद उनकी बेशकीमती जमीन हड़पना है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि तथाकथित पीर काकू शाह की कब्र के रूप में मकबरे का दावा खोखला है, क्योंकि पाकिस्तान के प्राचीन ग्रंथों में भी इस जगह का वर्णन भाई तारू सिंह की खोपड़ी को हटाकर शहीद होने के स्थान के रूप में किया गया है।
प्रो सरचंद सिंह ने पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों सहित भूमि संपत्तियों की देखभाल के लिए गठित 'इवैक्यूएशन ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड' (ईटीपीबी) और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा समिति की कड़ी आलोचना की, उन्हें डमी कहा और कहा कि वे जिम्मेदारी एवं जायदाद की देखभाल करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की आय के उपयोग पर समिति और बोर्ड दोनों चुप हैं।
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