बरेली: नया छोड़िए पुराने सत्र का भी भुगतान नहीं कर रहीं चीनी मिलें

मंडल की पांच चीनी मिलों पर 221 करोड़ का बकाया है पुराना भुगतान=विभागीय आंकड़ों में इस सत्र का भी 208 करोड़ चीनी मिलों पर बकाया

बरेली: नया छोड़िए पुराने सत्र का भी भुगतान नहीं कर रहीं चीनी मिलें

बरेली, अमृत विचार। बीते दिनों कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बीते दिनों बकाया भुगतान नहीं करने वाली चीनी मिलों की आरसी जारी करने के दिए थे। माना जा रहा था इसका असर दिखाई देगा लेकिन मंडल की पांच चीनी मिलें अभी भी ऐसी हैं जिन्होंने 221 करोड़ का पिछले सत्र का भुगतान नहीं किया है। आंकड़ों के अनुसार इस सत्र का 208 करोड़ मिलों पर बकाया है।

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अफसरों की ओर से पूर्व का बकाया भुगतान करने के साथ ही इस सत्र का भुगतान शासन से निर्धारित 14 दिनों में करने के लिए मिल प्रबंधकों पर दबाव बनाने की बात कही जा रही है। दूसरी तरफ किसान भुगतान पाने के लिए लगातार अधिकारी से वार्ता कर रहे हैं।

उनका कहना है कि बकाया मूल्य न मिल पाने के कारण किसानों की आगामी फसल काफी प्रभावित हो रही है। किसान हताश और परेशान नजर आ रहे हैं। अधिकारी उन्हें शीघ्र ही बकाया भुगतान के आश्वासन दे रहे हैं।

पुराने सत्र का बकाया गन्ना भुगतान: वर्ष 2021-22 में किसानों ने बहेड़ी की केसर चीनी मिल को गन्ने की आपूर्ति की थी। किसानों का मिल पर 40015.25 लाख का भुगतान बना। इसमें 36978.58 लाख का भुगतान किया गया। मिल पर 3036.67 लाख का भुगतान बकाया है। इसी तरह नवाबगंज की ओसवाल चीनी मिल को आपूर्ति किए गए गन्ने का 15848.88 लाख रुपये बना।

13780.35 लाख का ही भुगतान हुआ। 2068.53 लाख बकाया है। पीलीभीत की बरखेड़ा स्थित बजाज चीनी मिल का 30952.76 लाख लाख भुगतान बना, जिसमें 20188.10 लाख का भुगतान हुआ। 10764.66 लाख बकाया है। शाहजहांपुर की मकसूदापुर चीनी मिल पर भी 6235.35 लाख रुपये का पिछला बकाया है। इस प्रकार कुल 22105.21 लाख का भुगतान किया जाना है।

नए सत्र का भी करोड़ों रुपया बकाया: मंडल के समस्त जिलों की चीनी मिलों पर इस सत्र का 20875.31 लाख का बकाया चल रहा है। इसमें बरेली की बहेड़ी स्थित केसर मिल पर 7603.92 लाख, नवाबगंज की ओसवाल मिल पर 1918.06 ओर सेमीखेड़ी की सहकारी चीनी मिल पर 338.87 लाख रुपये कुल 8177.64 लाख रुपये का बकाया है।

फरीदपुर और बहेड़ी शत प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं। पीलीभीत जनपद की बरखेड़ा स्थित बजाज मिल पर 5148.16 लाख और बीसलपुर की सहकारी मिल पर 106.95 लाख का बकाया है। जबकि पीलीभीत की एलएच 89 प्रतिशत भुगतान कर चुकी है। शाहजहांपुर की मकसूदापुर 4103.12 लाख, तिलहर की सहकारी 681.22 लाख और पुवायां सहकारी मिल पर 581.86 लाख बकाया है। निगोही की डालमिया और रोजा की बिरला अवध मिल शत प्रतिशत भुगतान कर चुकी है।

बदायूं सबसे फिसड्डी: हर बार की तरह इस बार भी भुगतान के मामले में बदायूं के बिसौली स्थित यदु और सहकारी मिल फिसड्डी साबित हो रही है। इस सत्र का दोनों चीनी मिलों पर 2727.09 लाख रुपये का बकाया है। इसमें यदु चीनी मिल पर अकेले 2647.32 लाख का बकाया होने की बात बताई गई है।

चीनी मिल प्रबंधकों पर भुगतान को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। नोटिस जारी किए गए हैं। इस महीने के अंत तक मंडल की चार चीनी मिल जिन पर बीते सत्र का बकाया चल रहा है कि सभी के शत प्रतिशत भुगतान की उम्मीद है। - राजीव राय, डिप्टी सीसी

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