Year Ender 2022 : OBC के मुद्दों को प्रमुखता से लिया सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने
नई दिल्ली। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) छात्रों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति के दायरे को सीमित करने से लेकर ‘ऐतिहासिक रूप से’ अनुसूचित जाति में रहे धर्मांतरित लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के मामले की जांच के लिए एक आयोग का गठन करने तक, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इस साल सुर्खियों में रहा।
ये भी पढ़ें - हरियाणा डीजीपी: इस साल पकड़े गए 880 साइबर अपराधी, 44 करोड़ रुपये की हुई बरामदगी
मंत्रालय ने ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अपनी मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति योजना को कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए सीमित करने के अपने फैसले पर विभिन्न वर्गों की आलोचना का सामना किया। इससे पहले, मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति में कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को भी शामिल किया जाता था।
मंत्रालय ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता में एक आयोग भी नियुक्त किया, जो नए लोगों को अनुसूचित जाति (एससी) का दर्जा देने के मामले की जांच करेगा, जो “ऐतिहासिक रूप से” एससी से संबंधित होने का दावा करते हैं, लेकिन राष्ट्रपति के आदेशों में उल्लिखित धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म में परिवर्तित हो गए हैं।
इस साल भी भारत में दिव्यांग लोगों के लिए आवाजाही संबंधी सुविधाएं एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 ने 14 जून तक सभी मौजूदा सार्वजनिक भवनों को सुलभ बनाने के लिए पांच साल की समयावधि प्रदान की, लेकिन कुल 2,839 भवनों में से 585 राज्य भवनों और 1,030 केंद्र सरकार के भवनों को सुविधा जनक बनाया गया है।
दृष्टिबाधित आबादी के लिए, इस वर्ष भारतीय सांकेतिक भाषा में 500 अकादमिक शब्द शामिल किए गए थे जो माध्यमिक स्तर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जिनका अक्सर इतिहास, विज्ञान, राजनीति विज्ञान, गणित में उपयोग किए जाता है। ‘साइन लर्न’ नामक एक आईएसएल डिक्शनरी ऐप शुरू किया गया था जो एंड्रॉइड और आईओएस दोनों संस्करणों में उपलब्ध है।
भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र ने कक्षा 1 से 12 तक की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा (डिजिटल प्रारूप) में परिवर्तित करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे ताकि पाठ्यपुस्तकों को श्रवण बाधित बच्चों के लिए सुलभ बनाया जा सके।
इस वर्ष, कक्षा छह की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की आईएसएल ई-सामग्री का शुभारंभ किया गया। विकलांग लोगों के विभाग ने अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा में दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक ढांचागत कौशल विकास तंत्र बनाने के लिए अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
मंत्रालय की कुछ पहलों को अपेक्षित गति नहीं मिली जिनमें बुजुर्गों के लिये सरकार का रोजगार मंच ‘सीनियर एबल सिटिजंस फॉर री-इंप्लॉयमेंट इन डिगनिटी’ (एसएसीआरईडी) भी शामिल है। मंत्रालय के पूर्व सचिव ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि यह “बहुत अच्छा” काम नहीं कर रही।
साथ ही, सुगम्य भारत ऐप, जिसका उद्देश्य दिव्यांग लोगों और बुजुर्गों को इमारतों, परिवहन के साधनों, या किसी भी बुनियादी ढांचे पर चित्र अपलोड करके पहुंच संबंधी समस्याओं को दर्ज करने में सक्षम बनाना है, को शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन राज्यों द्वारा उनका निस्तारण नहीं किया जा रहा। सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मांगी गई एक जानकारी के मुताबिक, लगभग आधी शिकायतें अगस्त तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास लंबित थीं।
सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दुर्घटनाओं में सफाई कर्मचारियों की मौत इस साल भी मंत्रालय के लिए चिंता का विषय बनी रही। मंत्रालय द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2022 में ऐसी 48 मौत दर्ज की गईं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को इस वर्ष अपना नया अध्यक्ष मिला है। हंसराज गंगाराम अहीर ने इस महीने की शुरुआत में पदभार ग्रहण किया था।
ये भी पढ़ें - भारत का खनिज उत्पादन अक्टूबर में बढ़ा 2.5 प्रतिशत
