लखीमपुर-खीरी: शोक प्रस्ताव की वजह से खीरी हिंसा की सुनवाई स्थगित, अगली सुनवाई 12 जनवरी को

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Published By Moazzam Beg
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लखीमपुर-खीरी। लखीमपुर खीरी में जिला बार एसोसिएशन के शोक प्रस्ताव की वजह से तिकुनिया हिंसा मामले की सोमवार को होने वाली सुनवाई स्थगित कर दी गयी जिसमें केंद्रीय गृह राज्य अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू और 13 अन्य आरोपी हैं। जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरविंद त्रिपाठी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि मामले की सुनवाई की अगली तारीख 12 जनवरी निर्धारित की गई है। 

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उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष को बयान दर्ज करने के लिए सोमवार को अपने एक गवाह को पेश करना था लेकिन जिला बार एसोसिएशन ने अपने दो सहयोगी अधिवक्ताओं की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के लिए न्यायिक कार्यों से अनुपस्थित रहने के बारे में सूचित किया, जिसके बाद सुनवाई 12 जनवरी, 2023 को मुकर्रर की गयी है। 

उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थानाक्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे। उस समय केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस में किसानों की तरफ से दर्ज कराई गयी प्राथमिकी के अनुसार एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जिसमें गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा बैठे थे। 

घटना के बाद, ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित रूप से गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई। इस संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या से जुड़ी पहली प्राथमिकी में आशीष मिश्रा मोनू और 13 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। दूसरी प्राथमिकी में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें चार अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। 

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