Brazil में Bolsonaro के Supporters ने Supreme Court और Presidential Palace पर बोला धावा
रियो डी जिनेरियो। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने रविवार को राजधानी में उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रपति भवन और अन्य स्थान पर धावा बोला। राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा के कार्यभार संभालने के एक सप्ताह बाद बोल्सोनारो के समर्थकों ने यह हरकत की। बोल्सोनारो ने उनके खिलाफ आए चुनावी नतीजों को मानने से इनकार दिया था, तभी से उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं।
हजारों प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक को पार कर सुरक्षा घेरा तोड़ों, छतों पर चढ़ गए, खिड़कियां तोड़ दीं और तीन इमारतों पर धावा बोला। इनमें से कई चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार करते हुए सशस्त्र बलों से इसमें हस्तक्षेप करने और बोल्सोनारो को दोबारा राष्ट्रपति बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
साओ पाउलो में एक संवाददाता सम्मेलन में लूला डा सिल्वा ने कहा कि बोल्सनारो ने उन लोगों को विद्रोह करने के लिए प्रोत्साहित किया। सिल्वा ने उन लोगों को फासीवादी कट्टरपंथी करार दिया। उन्होंने संघीय जिले में सुरक्षा का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए संघीय सरकार का एक आदेश भी पढ़ा। लूला डा सिल्वा ने कहा, पहले कभी ऐसा नहीं हुआ और इन लोगों को दंडित किए जाने की जरूरत है।
- Ao longo do meu mandato, sempre estive dentro das quatro linhas da Constituição respeitando e defendendo as leis, a democracia, a transparência e a nossa sagrada liberdade.
— Jair M. Bolsonaro 2️⃣2️⃣ (@jairbolsonaro) January 9, 2023
टीवी चैनल ग्लोबो न्यूज पर प्रसारित फुटेज में प्रदर्शनकारी राष्ट्रीय ध्वज को प्रतिबिंबित करने वाले हरे व पीले रंग के कपड़े पहने हुए नजर आ रहे हैं, जो देश के रूढ़िवादी आंदोलन का प्रतीक बन गए हैं। अक्सर बोल्सनारो के समर्थक इसी रंग के कपड़े पहने नजर आए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की कई बार उच्चतम न्यायालय के साथ तनातनी हुई है और जिस कमरे में वे बैठक करते हैं वहां भी दंगाइयों ने तोड़फोड़ की। उन्होंने कांग्रेस भवन में आगजनी और राष्ट्रपति भवन में कार्यालयों में तोड़फोड़ की। सभी भवनों के शीशे भी टूटे नजर आए।
लूला डा सिल्वा के कार्यभार संभालने से पहले ही फ्लोरिडा चले गए बोल्सोनारो ने रविवार की घटनाओं पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। पुलिस ने इमारतों का नियंत्रण वापस लेने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। हमला करने के करीब चार घंटे से कम समय में स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों को खदेड़ते नजर आए। हालांकि तब तक काफी नुकसान हो चुका था, जिससे पुलिस की कार्रवाई व लापरवाहियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
लूला डा सिल्वा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, अयोग्यता या गलत मंशा? पुलिस की ओर से...बोल्सनारो के समर्थकों के कुछ सप्ताह पहले राजधानी में हिंसा करने पर भी उनका रवैया ऐसा ही था। उन्होंने वादा किया कि उन अधिकारियों को दंडित किया जाएगा।
गौरतलब है कि लूला डा सिल्वा ने 30 अक्टूबर को हुए चुनाव में बोल्सोनारो को मात दी थी, जिसके बाद उनके कई समर्थक देशभर में सड़कों पर उतर आए थे और चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। ऐसी ही घटना अमेरिका में भी देखने को मिली थी, जब डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके कथित समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में हिंसा की थी।
Deeply concerned about the news of rioting and vandalism against the State institutions in Brasilia. Democratic traditions must be respected by everyone. We extend our full support to the Brazilian authorities. @LulaOficial
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2023
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ब्राजील में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे और तोड़-फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं। लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं।
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