प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन : इंदौर में सूखी घास पर 'हरा रंग' छिड़कने के Video पर Congress ने BJP को घेरा
इंदौर। इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन के बीच एक चौराहे पर सूखी घास पर स्प्रे मशीन से कथित रूप से हरा रंग छिड़कने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के जरिये कांग्रेस के कई नेताओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा है।
सिनेमा में तोड़फोड़ करने वाले गुंडे क्या अब प्रधानमंत्री के स्वागत में रंगे गए फुटपाथ भी तोड़ेंगे? pic.twitter.com/zJGiIv6qmF
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 8, 2023
भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने रविवार को इस वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए कहा,अकल्पनीय, अविश्वसनीय तस्वीरें.. प्रधानमंत्री के इंदौर दौरे के पहले इंदौर को हरा-भरा बनाने के लिए भाजपा सरकार ने घास को ही हरे रंग से रंग दिया। वाह शिवराज वाह!!
अकल्पनीय, अविश्वसनीय तस्वीरें..
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 8, 2023
प्रधानमंत्री के इंदौर दौरे के पहले इंदौर को हरा-भरा बनाने के लिए BJP सरकार ने घास को ही हरे रंग से रंग दिया। वाह शिवराज वाह!! pic.twitter.com/tMJ2jKc01V
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यानी सोमवार को यहां 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करने वाले हैं। संबंधित वीडियो के बारे में इंदौर नगर निगम के अधिकारियों की प्रतिक्रिया कई प्रयासों के बावजूद नहीं मिल सकी है।
Looking forward to being in the vibrant city of Indore tomorrow, 9th January to mark Pravasi Bharatiya Divas. This is a great opportunity to deepen the connect with our diaspora, which has distinguished itself globally. https://t.co/0lIDULkFlj
— Narendra Modi (@narendramodi) January 8, 2023
इस बीच भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की मेजबानी का बड़ा मौका हासिल करने वाले इंदौर को बेहद कम समय में सजाया-संवारा गया है और इससे कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है। सलूजा ने दावा किया कि जब भी देश में कोई अच्छा काम होता है, कांग्रेस खुश नहीं होती है।
जानिए, 9 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस
बता दें कि इस खास दिन का कनेक्शन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से रहा है। 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे इसलिए 9 जनवरी की तारीख को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के लिए चुना गया। पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का फैसला एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था। 8 जनवरी 2002 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की घोषणा की।
क्या है प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मनाने का उद्देश्य?
- प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लाना है, जिससे दुनिया को उनकी ताकत का अहसास हो सके।
- देश के विकास में भारतवंशियों का योगदान अविस्मरणीय है इसलिए साल 2015 के बाद से हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया जाता है।
- प्रवासी भारतीयों को देश से जोड़ने में पीएम मोदी ने भी अहम भूमिका निभाई है। वो जहां भी विदेशी दौरे पर जाते हैं वहां प्रवासी भारतीयों के बीच भारत की एक अलग पहचान लेकर जाते हैं।
- पीएम मोदी के इस कदम से प्रवासी भारतीय भारत की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं।
- इस आयोजन ने प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच को सही मायनों में बदलने का काम किया है।
- इसके जरिए प्रवासी भारतीयों को देशवासियों से जुड़ने का एक अवसर मिला है।
दुनिया भर में फैला है प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क
प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क दुनिया भर में फैला है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीयों की संख्या है। 2019 में दुनियाभर में इनकी संख्या 1.8 करोड़ थी। प्रवासियों की संख्या में दूसरे पायदान पर मैक्सिको और तीसरे नम्बर पर चीन है। प्रवासी भारतीय दिवस के माध्यम से दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीयों का बड़ा नेटवर्क बनाने में भी मदद मिली है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी एक गति मिली है। हमारे देश की युवा पीढ़ी को भी जहां इसके माध्यम से विदेशों में बसे प्रवासियों से जुड़ने में मदद मिलती है वहीं विदेशों में रह रहे प्रवासियों के माध्यम से देश में निवेश के अवसरों को बढ़ाने में सहयोग मिल रहा है।
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