जंतर-मंतर पर पहलवानों के 'दंगल' का राउंड-2, सरकार की ओर से पहुंचीं बबीता, समाधान होने तक नहीं खेलेंगें पहलवान

Amrit Vichar Network
Published By Himanshu Bhakuni
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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए जाने पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य रेसलर जंतर-मंतर धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे।

भारतीय पहलवान लगातार दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर धरना दे रहे है। विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बुधवार को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रेसिडेंट बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कोच भी सालों से महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण कर रहे हैं। खेल मंत्रालय ने WFI से 72 घंटे के अंदर जवाब मांगा है।

WFI चीफ और सांसद बृजभूषण ने कहा कि एक भी आरोप सही निकले तो फांसी चढ़ा देना। उन्होंने कहा, "पहलवानी में सबसे बेहतर परफॉर्मेंस की उम्र 22 से 28 के बीच होती है। प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी ओलिंपिक मेडल नहीं जीत सकते। यह वजह गुस्से में तब्दील हो रही है और इसीलिए वो प्रोटेस्ट कर रहे हैं।

चैंपियन पहलवान और भाजपा नेत्री बबीता फोगट ने कहा, मेरी कोशिश है कि मैं आज ही समाधान करवा दूं। ये कोई छोटी चीज़ नहीं है, धुआं वहीं उठता है जहां आग लगी होती है। मैं भरोसा दिलाती हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। 

धरना-प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के पास CPM नेता वृंदा करात पहुंची। पहलवान बजरंग पूनिया ने उनको मंच से नीचे जाने के लिए कहते हुए कहा, आप से अनुरोध है कि आप नीचे आ जाइए। माइक किसी को नहीं मिलेगा। आप से अनुरोध है कि इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाएं।

पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, बबीता फोगाट सरकार की तरफ से आईं हैं और हमने भी अपनी बात उनके सामने रखी है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि वो हमारे साथ हैं और हमारी मांगें पूरी करवाएंगी। हमारा धरना तब तक जारी रहेगा जब तक कोई क्लैरिटी नहीं आ जाती। 

कोच प्रदीप दहिया ने कहा, इतने बड़े खिलाड़ी अगर बोल रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी को सज़ा भी मिलनी चाहिए। विनेश एक बड़ी महिला खिलाड़ी हैं और अगर वो आरोप लगा रही हैं तो इसका मतलब है उनके साथ कुछ तो हुआ होगा। 

भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना-प्रदर्शन पर कोच सुरेंदर ने कहा, इतने बड़े-बड़े खिलाड़ी उतरकर आए हैं, एक खिलाड़ी गलत हो सकता है इतने खिलाड़ी गलत नहीं हो सकते। जितना अत्याचार अब सुना है उतना कभी नहीं सुना।

भारतीय खेल प्राधिकरण के मुताबिक, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया। 

लखनऊ में 18 जनवरी से शुरू होने वाले महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर को भी रद्द कर दिया है। यह भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOE) में आयोजित होने वाला था जिसमें 41 पहलवान और 13 प्रशिक्षक और सहायक कर्मचारी भाग लेते।

CPI सांसद बिनॉय विश्वम पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जंतर मंतर पहुंचे। उन्होंने कहा,मैं एक सांसद के रूप में सरकार से अनुरोध करूंगा कि न्याय हो। इनकी बातें अनसुनि नहीं की जानी चाहिए। मैं यहां राजनीतिक विचार थोपने नहीं आया, एक भारतीय के रूप में आया हूं।

कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा बोले, खिलाड़ी अलग-अलग प्रदेशों से आते हैं। इसलिए इसमें सर्वोच्च न्यायलय की निगरानी में समय निर्धारित CBI की जांच हो। सरकार का बेटी बचाओ, बटी पढ़ाओ का नारा था जो आज खोखला दिखाई दे रहा है। भारत सरकार हमारी देश की बेटियों के लिए तुरंत कार्रवाई करे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, हमारे खिलाड़ी देश की शान हैं। विश्व स्तर पर अपने प्रदर्शन से वे देश का मान बढ़ाते हैं। कुश्ती फेडरेशन व उसके अध्यक्ष पर खिलाड़ियों ने शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन खिलाड़ियों की आवाज सुनी जानी चाहिए। आरोपों की जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, यह छोटी बात नहीं है। यह आरोप किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं लगाए गए। यह दुर्भाग्य की बात है कि सरकार की जानकारी में लाने के बाद भी इस पर कार्रवाई नहीं हुई।हमारी मांग है कि कुश्ति संघ को तुरंत बर्खास्त किया जाए और कुश्ति संघ के अधिकारियों पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज़ किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए।

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के आवास पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा बढ़ाई गई। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध का आज दूसरा दिन है।

क्या बोले बृजभूषण शरण सिंह ?
बृजभूषण शरण सिंह (अध्यक्ष,रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) का कहना है कि ये चाहते हैं कि हम ओलंपिक विजेता हैं, हमारा ट्रायल ना कराया जाए और ट्रायल कराया भी जाए तो पहले नेशनल के विजेता का ट्रायल हो फिर जो जीत कर आए उनके साथ फाइनल इनका कराया जाए। इससे इन्हें दिक्कत हो रही है वहीं गुस्सा इनका आज फूटा है। जहां तक इन खिलाड़ियों का सवाल हैं ये ओलंपिक पदक विजेता हैं। उसमें हमारा भी सहयोग है। ओलंपिक के बाद इन्होंने एक भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया और सब सरकार की स्कीमों का फायदा ले रहे हैं।

जब राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात आती है तो इनकी तबीयत खराब हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इनकी तबीयत ठीक हो जाती है। अभी फेडरेशन ने निर्णय लिया कि कोई भी विजेता हो उसे नेशनल खेलना होगा, अगर वे बीमार है तो उसका मेडिकल दे। निर्णय से सरकार को अवगत करा दिया गया था। जो लोग नेशनल लड़ कर आ रहे हैं अगर हम उन्हें बाहर कर देंगे और जो नेशनल लड़ कर नहीं आ रहे हैं उन्हें कैंप में ले लेंगे तो दूसरों के साथ अन्याय होगा। ये पॉलिसी इन्हें पसंद नहीं आई।

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