फायर ऑपरेटर के खिलाफ प्राथमिकी के लिए पुलिस को अदालत की फटकार, दुर्घटना दावा याचिका खारिज 

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक निचली अदालत ने एक मोटर दुर्घटना दावा याचिका खारिज करते हुए एक अवैध फेरीवाले की शिकायत पर एक दमकल चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों को ''बुनियादी कानून से अनभिज्ञ'' करार दिया।

अदालत ने कहा कि आपात स्थिति में अपनी सेवा देने को तत्पर दमकल चालक सोमंदर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना- "तंत्र की अक्षमता" को दर्शाता है, जहां थाना अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त जैसे अधिकारी "बुनियादी कानून से अनभिज्ञ" दिखाई दिए।

मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण फल विक्रेता अरुण कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने अपनी शिकायत में दावा किया था कि तेज गति और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण मध्य दिल्ली के मटिया महल चौक पर 12 दिसंबर, 2018 को दमकल की गाड़ी एक ठेले से टकरा गई, जिसकी वजह से उसके पैर में चोट लग गई।

पीठासीन अधिकारी कामिनी लाउ ने हाल में एक आदेश में कहा, "मैं यह मानती हूं कि याचिकाकर्ता अरुण कुमार किसी भी मुआवजे का हकदार नहीं है। दावा याचिका के रूप में दर्ज विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) खारिज की जाती है।" अदालत ने कहा कि कुमार लाइसेंसी फेरीवाला नहीं था और अवैध रूप से अपना ठेला लगाकर इलाके में अवरोध पैदा कर रहा था।

इसने कहा कि यह स्थापित कानून है कि आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना कर्तव्य होता है और जब भी ऐसा कोई वाहन आता है तो उसे मुक्त मार्ग दिया जाना चाहिए। इसने कहा कि मुआवजे की मांग कर रहा फेरीवाला न केवल भारतीय दंड संहिता, बल्कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों का भी उल्लंघन कर अपना व्यापार करता पाया गया।

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