स्वामी प्रसाद मौर्य पर भड़के साधु-संत, कहा - पागल की जगह होती है जेल
लखनऊ, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने एक और विवादित बयान पर घिर गए हैं। स्वामी प्रसाद ने मौर्य ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर पर उनकी जीभ और सिर काटने वाले संतों, महंतों और धर्माचर्यों को अब क्या कहा जाए। सपा नेता ने इनके लिए आतंकवादी, महाशैतान और जल्लाद जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है। उन्होंने लिखा कि धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को प्रतिबंधित किए जाने की मांग पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने और सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है। अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, लेकिन अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों और जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।
देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया। एक-एक करके संतो, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 28, 2023
सिर, नाक, कान काटने पर उतर आये।
कहावत सही है कि
मुंह में राम बगल में छुरी।
धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी।
अपने इस बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य संतों के निशाने पर आ गए हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि साधु-संत भगवान के भक्त हैं, वो उनके कहने से आतंकवादी-जल्लाद नहीं हो जाएंगे। जिसकी जो मानसिकता होती है, वो वही साधुओं के प्रति व्यक्त करता है। उनकी मानसिकता जल्लाद, राक्षस, पिशाच की है, इसी भाव से वे बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पागल हो गए हैं। पागल की जगह या तो जेल या पागलखाने में होती है।
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