महिला सशक्तिकरण आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण : द्रौपदी मुर्मू
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि नारी सशक्तिकरण के बिना एक मजबूत और स्वस्थ समाज की कल्पना करना संभव नहीं है इसलिए हमें मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाने की दिशा में काम करना चाहिए जहां सभी महिलाएं सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों में पूरी तरह से भाग ले सकें और अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
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मुर्मू ने यहां राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण न केवल सामाजिक न्याय का मुद्दा है बल्कि यह आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि श्रम कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी हमारे देश के समग्र विकास में एक बड़ी बाधा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अब पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।
महिलाओं की अधिक सक्रिय भूमिका इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी। लैंगिक भेदभाव के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि आज भी देश के कई हिस्सों में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है। कन्या भ्रूण हत्या के दु:खद उदाहरण देश के सुशिक्षित भागों में भी देखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे समाज की है।
उन्होंने कहा, “ लैंगिक न्याय सुनिश्चित करते हुए हमें अपने विकास को न्यायसंगत बनाना होगा। हमारा विकास सही अर्थों में विकास तभी कहलाएगा जब महिलाओं की स्थिति पुरुषों के बराबर होगी।” राष्ट्रपति ने कहा, “ एक सवाल उठता है कि केवल महिलाओं के लिए अलग आयोग बनाने की जरूरत क्यों पड़ी।
इसका उत्तर है - हम देख रहे हैं कि हमारी बहन-बेटियाँ अंतरिक्ष में उड़ रही हैं, सशस्त्र बलों में नेतृत्व दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं और कार्यस्थल पर भेदभाव और उत्पीड़न का सामना कर रही हैं।” राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग का मिशन महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और अत्याचार से उत्पन्न होने वाली विशिष्ट समस्याओं का समाधान करना और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयास करना है।
उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी के लिए अलग आयोग बनाने की जरूरत बताती है कि महिलाओं को अभी तक उनका उचित सम्मान और अधिकार नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति में सुधार करके ही देश समग्र प्रगति करने में सक्षम होगा।
उन्होंने सभी महिलाओं से सभी प्रकार की बाधाओं को पार कर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने तथा उनसे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने और दूसरों को भी जागरूक करने का आग्रह किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी से राष्ट्रीय महिला यात्रा आयोग की पुस्तक 'सशक्त नारी, सशक्त भारत' की पहली प्रति प्राप्त की।
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