लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने से वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग को फायदा होगा: वित्त सचिव

लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने से वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग को फायदा होगा: वित्त सचिव

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने के फैसले का मकसद वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाना है। वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक और मध्यम वर्ग अपनी बचत को अधिक रिटर्न या प्रतिफल वाली सुरक्षित सरकारी जमा योजनाओं में लगाते हैं। बजट 2023-24 में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए निवेश की अधिकतम सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर नौ लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए नौ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी। 

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सोमनाथन ने साक्षात्कार में कहा कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत निवेश सीमा में काफी समय से बदलाव नहीं हुआ था। इस फैसले के पीछे मुख्य मकसद मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण है। सोमनाथन ने कहा, यह धारणा थी कि अधिक उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित निवेश विकल्पों की जरूरत है। पिछले संशोधन के बाद से लोगों की आमदनी काफी बढ़ी है। इस तरह निवेश सीमा को दोगुना करने से अब वरिष्ठ नागरिकों को अपना पैसा शत-प्रतिशत सुरक्षित निवेश विकल्प में लगाने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें ऊंचा ब्याज भी मिलेगा, जो बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ब्याज से उल्लेखनीय रूप से अधिक है। 

डाकघर मासिक आय योजनाओं में निवेश की सीमा में 1987 से बदलाव नहीं हुआ था। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) के मामले में निवेश सीमा 2004 में तय की गई थी। वित्त मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाह ने कहा कि इस सीमा में संशोधन की लागत बैठेगी, क्योंकि सरकार वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत दिए जाने वाले आठ प्रतिशत ब्याज की तुलना में कम दर पर कोष जुटा सकती है। 

उन्होंने कहा, वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि इस लागत को सरकार को वहन करना चाहिए। इस वजह से सीमा बढ़ाई गई है। इसी तरह मध्यम आय वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के बीच बचत के एक अन्य लोकप्रिय माध्यम मासिक आय योजना (एमआईएस) में निवेश सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। एमआईएस पांच साल की जमा योजना है। वर्तमान में इसमें 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलता है। सरकार प्रत्येक तिमाही में लघु बचत योजनाओं की समीक्षा करने के बाद ब्याज दरें तय करती है। वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं के तहत खाते 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग खोल सकते हैं। इसमें पांच साल तक पैसा जमा कराया जा सकता है। 

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