Pervez Musharraf Death : आर्मी चीफ से राष्ट्रपति पद तक...जानें परवेज मुशर्रफ का अर्श से फर्श तक का सफर

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Published By Bhawna
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इस्लामाबाद/दुबई। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और 1999 में कारगिल युद्धकी योजना बनाने वाले जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।  उनके परिवार के मुताबिक, मुशर्रफ दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे, जिसमें पूरे शरीर के अंगों और ऊत्तकों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन बनता है। उनके परिवार के हवाले से बताया कि जनरल (सेवानिवृत्त) मुशर्रफ का दुबई में एक अस्पताल में निधन हो गया। उनका अमेरिकन हॉस्पिटल दुबई में इलाज चल रहा था।

परवेज मुशर्रफ ने 19 अप्रैल 1961 को पाकिस्तान सैन्य अकादमी काकुल से अपना कमीशन प्राप्त किया। पूर्व तानाशाह कमीशन मिलने के बाद विशेष सेवा समूह में शामिल हो गए। इस सैन्य शासक ने 1965 और 1971 के युद्धों में भी हिस्सा लिया था। उन्हें 1998 में जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया और सेना प्रमुख (सीओएएस) के रूप में पदभार संभाला। एक साल बाद 12 अक्टूबर, 1999 को जनरल (सेवानिवृत्त) मुशर्रफ ने तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली। 

मुशर्रफ को जनमत संग्रह के माध्यम से चुना गया था राष्ट्रपति 
पाकिस्तान की बागडोर संभालने के बाद मुशर्रफ पाकिस्तान के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति बने रहे। 2002 में एक जनमत संग्रह के माध्यम से उन्हें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और 2008 तक इस पद पर बने रहे। सैन्य नेता ने अपने कार्यकाल के दौरान, 9/11 की घटना के बाद पाकिस्तान को अग्रिम पंक्ति का सहयोगी बनने के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। बाद में 2004 में, उन्हें पाकिस्तान के संविधान में 17वें संशोधन के माध्यम से पांच साल के लिए वर्दी में राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।  मुशर्रफ को नवंबर 2007 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पदच्युत करने के लिए संविधान विरोधी उपायों के लिए भी जाना जाता है, जिसे वकीलों के आंदोलन की शुरुआत माना जाता है और जिसे न्यायपालिका की बहाली के लिए आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। राजनीतिक दलों के नेतृत्व में एक आंदोलन के बाद मुशर्रफ ने 18 अगस्त, 2008 को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। 

मुशर्रफ ने ही की थी कारगिल युद्ध की जमीन तैयार 
मुशर्रफ ने ही कारगिल युद्ध की जमीन तैयार की थी जो महीनों तक चला था। यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लाहौर में भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू हुआ था।  कारगिल  में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों पर रहते हुए पाकिस्तान पर शासन किया था। मार्च 2014 में मुशर्रफ को तीन नवंबर 2007 को संविधान निलंबित करने का दोषी ठहराया गया था। दिसंबर 2019 में एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को राजद्रोह के एक मामले में मृत्यदंड सुनाया था। पूर्व सैन्य शासक इलाज कराने के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे। 

नई दिल्ली में हुआ था मुशर्रफ का जन्म
मुशर्रफ का 11 अगस्त 1943 को दिल्ली में जन्म हुआ था। मुशर्रफ का परिवार 1947 में नई दिल्ली से कराची चला गया था। वह 1964 में पाकिस्तानी सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने क्वेटा के आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। 

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