देहरादूनः RTE के तहत स्कूलों में लूट, RTI से हुआ खुलासा तो छात्रों को लौटानी पड़ी रकम 

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Published By Shobhit Singh
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देहरादून, अमृत विचार। शिक्षा का अधिकार यानी आरटीई एक ऐसा अधिकार है जो न सिर्फ प्रत्येक बच्चे को शिक्षा दिलाने का अधिकार देता है बल्कि गरीब, वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूल में प्रवेश कराने का अधिकार देता है। जिनकी फीस सरकार खुद वहन करती है।  

RTI के तहत हुआ खुलासा

हालांकि, सरकार से फीस प्राप्त करने के बाद भी स्कूल गरीब बच्चों से विभिन्न तरह से वसूली करते हैं। मामला प्रकाश में तब आया जब सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी प्राप्त की गई। फिलहाल, मामला उजागर होने पर स्कूल की ओर से करीब 87 हजार रुपये वापस करने पड़े। जिससे स्कूल प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिये हैं। 

स्कॉलर्स होम स्कूल का मामला

आपको बता दें कि सहस्रधारा रोड स्थित मधुर विहार निवासी धर्मेंद्र कुमार ठाकुर ने जिला शिक्षा अधिकारी देहरादून से आरटीआई के तहत राजपुर रोड स्थित स्कॉलर्स होम स्कूल में आरटीई के छात्रों से की जा रही वसूली को लेकर जानकारी मांगी।

समय से नहीं मिला जवाब 

यहां से पत्र उपशिक्षा अधिकारी रायपुर कार्यालय भेजा गया। तय समय के भीतर सूचना न मिलने पर धर्मेंद्र कुमार ने सूचना आयोग में अपील की। प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया।

सूचना न देने पर लगाया जुर्माना

सूचना देने में किए गए विलंब पर उप शिक्षा अधिकारी रायपुर पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। आयोग के सख्त रुख के बाद उपशिक्षा अधिकारी ने स्कालर्स होम से आरटीई के तहत दाखिल छात्रों से वसूल की गई धनराशि का ब्योरा जुटाना शुरू किया।

87 हजार रुपये की हुई वसूली

स्कूल के अभिलेखों के निरीक्षण में उपशिक्षा अधिकारी ने पाया कि स्कूल ने छह छात्रों से वर्ष 2015-16, 2019-20, 2020-2022 के बीच 87 हजार रुपये की धनराशि अध्ययन सामग्री के रूप में वसूली गई है। इस बीच एक अच्छी बात यह हुई कि स्कूल ने सभी बच्चों को राशि लौटा भी दी। इसका विवरण उपशिक्षा अधिकारी ने सूचना आयोग को भी उपलब्ध कराया।

शिक्षा के दायित्वों का निर्वहन हो

सूचना आयुक्त विपिन चंद ने अपनी टिप्पणी में कहा कि शिक्षा विभाग को अपने दायित्वों का भलीभांति पालन करना चाहिए। ताकि आरटीई के तहत दाखिला प्राप्त करने वाले छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके। जो निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं, उन्हें दंडित भी किया जाना चाहिए।

इन विद्यार्थियों को वापस की रकम 

स्कूल ने जिन विद्यार्थियों को रकम वापस की है इनमें छात्र मनीष भट्ट को 16230, सजरा मलिक को 16560, वैष्णवी को 16560, ऐश्वर्य भट्ट को 12640, अंश वर्मा को 12640, नैतिक सोनकर को 12640 रुपये की रकम वापस की गई है।

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