नैनीताल हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी- सिरौलीकलां में कराएं सभी विकास कार्य
नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने किच्छा नगर पालिका के वार्ड सिरौलीकलां को नगर पंचायत बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि जब तक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, तब तक इसे नगर पालिका का क्षेत्र मानते हुए यहां पर सभी विकास कार्य कराए जाएं। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई माह में होगी।
किच्छा सिरौली निवासी नईमुलशान खान ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि किच्छा नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिरौलीकलां को नगर पंचायत में शामिल करने पर वर्ष 2021 में रोक लगा दी गई थी, तभी से यहां जनहित के विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। आधे-अधूरे विकास कार्यों के चलते सिरौलीकलां के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अन्य क्षेत्रों की तरह सिरौलीकलां में नगर पालिका द्वारा विकास कार्य कराए जाएं ताकि सिरौलीकलां के लोगों को सुविधाएं मिल सकें।
याचिकाकर्ता के अनुसार, 12 नवंबर 2021 को अदालत ने इसे नगर पंचायत बनाए जाने के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी तब से सरकार द्वारा नगर पालिका परिक्षेत्र में सभी सरकारी योजनाओ का लाभ इन्हें नहीं दिया जा रहा है क्योंकि यह मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि हमारे क्षेत्र में स्कूल, हॉस्पिटल, बैंक, स्वच्छ सड़कें, हिंदी व कॉन्वेंट स्कूल, डेयरी व अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी सरकार उन्हें सरकारी योजनाओ से वंचित कर रही है।
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