आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा- आयुष में साक्ष्य आधारित शोध हों

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

नई दिल्ली। आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने युवा शोधकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों से भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में साक्ष्य आधारित अनुसंधान करने का आह्वान करते हुए कहा है कि इसके लाभों को स्थानीय भाषाओं में बताया जाना चाहिए। सोनोवाल ने सोमवार को असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पहले "चिंतन शिविर" का उद्घाटन करते हुए कहा कि आयुष ‘हील इन इंडिया’ और ‘हील बाय इंडिया’ परिवेश के लिए महत्वपूर्ण है।

ये भी पढ़ें - संसदीय समिति : बजट सत्र के पहले चरण में व्यवधान के लिए 13 सांसदों से मांगेगी स्पष्टीकरण

‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ के विचार के लिए भी आयुष बेहद महत्वपूर्ण है। चिंतन शिविर में आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई, मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रख्यात वक्ता, विशेषज्ञ एवं गणमान्य हस्तियां भाग ले रही हैं।

 सोनोवाल ने आयुष क्षेत्र की क्षमताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि युवा शोधकर्ताओं एवं वैज्ञानिकों को साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा में काम करने तथा आयुष चिकित्सा पद्धति के लाभों एवं अनुसंधानों के बारे में स्थानीय भाषाओं में बताने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। शोध की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायी जानी चाहिए।

 मुंजपरा ने शिविर के पहले सत्र में आयुष में डिजिटल स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी विषय पर चर्चा में भाग लिया और कहा, “अब दुनिया आयुष की शक्ति को महसूस कर रही है। डिजिटल स्वास्थ्य, आयुष ग्रिड, डिजिटल और तकनीकी विकास की मदद से आयुष की शक्ति को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा से लेकर विशिष्ट स्वास्थ्य केन्द्रों तक विस्तारित किया जा सकता है।” 

ये भी पढ़ें - शिवसेना का शिंदे गुट ‘शाखा’ हड़प रहा है : MP राजन विचारे

संबंधित समाचार