Akhanda 2 Thaandavam: अखंडा 2 ने सिनेमाघरों में मचाई धूम, फिल्म की सफलता के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे बालाकृष्ण

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Published By Muskan Dixit
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वाराणसी। पद्म भूषण नंदामुरी बालकृष्ण फिल्म 'अखंडा 2: थांडवम' की सफलता के बाद शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन-पूजन करने पहुंचे। इस दौरान उनके प्रशंसकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बालकृष्ण ने कहा " बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा और माता विशालाक्षी का दर्शन-पूजन कर मन प्रसन्न हो गया। मेरा मन्नत था कि फिल्म चले या न चले, मुझे काशी आना है। फिल्म 'अखंडा 2: थांडवम' को लोगों का प्यार पूरे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी मिल रहा है।"

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उन्होंने कहा कि फिल्में कई प्रकार की बनती हैं, लेकिन यह फिल्म कुछ अलग है। इस फिल्म का मकसद कुछ अलग है। कई दशकों से तेलुगु सिनेमा इंडस्ट्री से जुड़ा हूं और बहुत-सी फिल्में की हैं। ऐसी कहानी कभी नहीं मिली। ईश्वर की इजाजत के बिना चींटी भी किसी को नहीं काटती।

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सिनेमा लोगों के दिलों तक पहुंचने का सबसे अच्छा जरिया है। 'अखंडा 2: थांडवम' यह फिल्म केवल तेलुगु की नहीं, बल्कि पूरे भारत की फिल्म है। फिल्म के माध्यम से संदेश देने का प्रयास किया गया है, जो पूरी दुनिया तक जाए। इस फिल्म के जरिए हिंदू सनातन धर्म, उसका गौरव, पराक्रम और शक्ति बताने के लिए यह कहानी बनी है। सनातन धर्म की जड़ें क्या हैं, यह बहुत कुछ बताती है। सच के लिए लड़ना, सत्य के मार्ग पर चलना इसका उद्देश्य है। अन्याय के सामने कभी सिर न झुकाना। पहला भाग 2021 में रिलीज हुआ था। कोविड का समय था, लेकिन फिल्म अच्छी चली। बिना ईश्वर की मर्जी के कुछ भी संभव नहीं है। कोविड के बाद यह पहली फिल्म थी।

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उन्होने कहा " मेरे पिता एन.टी. रामाराव कहते थे कि समाज एक मंदिर है, लोग भगवान हैं और मैं एक पुजारी हूं। वे भी कलाकार थे, बाद में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी शुरू की। सनातन हिंदू धर्म की शक्ति को सभी को जानना चाहिए। देश के युवाओं को जोड़ना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मेरी मुलाकात हुई थी। सनातन धर्म के लिए उनका कार्य सराहनीय है।" राइट अट्रैक्टिव हैडिंग

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