World Book Fair 2023: विश्व पुस्तक मेले में बाल साहित्य की जबरदस्त मांग, कई किताबों का विमोचन
नई दिल्ली। प्रगति मैदान के विश्व पुस्तक मेले में बाल साहित्य की जबरदस्त मांग है। साहित्यकार उदयन वाजपेयी ने कहा कि बाल साहित्य बच्चों के लिए ही नहीं, वयस्कों के लिए भी है। बच्चों को बेवकूफ मानकर अगर कोई किताब लिखी जाए तो वह बाल साहित्य नहीं हैं।
इकतारा संस्था के निदेशक सुशील शुल्क ने कहा कि इस दौर में बाल साहित्य के तहत हिंदी में प्रकाशित किताबों में रोचक अंदाज में लघु कहानियां, कविताएं और पोस्टर के जरिये कई संदेश दिए जाते हैं। पत्रिकाएं प्लूटो और साइकिल बच्चों के बीच लोकप्रिय हैं। अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए पत्रिकाएं उन्हें प्रकृति, कला, विज्ञान और मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त करती हैं। फिर उनका साहित्य अलग क्यों। शशि सबलोक बताती हैं कि बाल साहित्य में यात्रा वृतांत, कविताएं, डायरी सहित कई विधाएं शामिल हो गई हैं जिनसे वितान विस्तृत हुआ है।
पुस्तक मेला में चर्चित पुस्तक पेन डाउन की पुस्तकें थीं। इस प्रकाशन की किताबें ड्राइविंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, डोंट डिले एक्ट टू प्ले, व्हाई नो वन केयर फॉर योर ब्रांड, रिच प्रैक्टिशनर और कैसे बनें और पशुपालक अपनी आमदनी कैसे बढाएं का मंगलवार को विमोचन किया गया। ड्राइविंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का प्रकाशन अंग्रेजी और हिंदी में किया गया है। इसे रक्तिम सिंह ने लिखा है। भुवन पंत की डोंट डिले एक्ट टू प्ले जबकि अजय अदलका की रचना ‘व्हाई नो वन् केयर फॉर योर ब्रांड’ के विमोचन के मौके पर किताबों के कद्रदानों ने इन सभी रचनाओं की खूब तारीफ की।
अरुण आदित्य की कविताओं में हमारे समय के हर प्रमुख विमर्श की उपस्थिति अंतर्धारा के रूप में मौजूद है। इन कविताओं में एक कोमल तान है, जिसमें नष्ट हो रहे मूल्यों को बचाने की गुहार है। यह बात कवि लीलाधर मंडलोई ने अरुण आदित्य के कविता संग्रह के लोकार्पण के अवसर पर कही। विश्व पुस्तक मेले में आधार प्रकाशन द्वारा आयोजित समारोह में अमर उजाला के समूह सलाहकार यशवंत व्यास, वरिष्ठ कवि लीलाधर मंडलोई और वरिष्ठ कथाकार बलराम ने अरुण के कविता संग्रह 'धरा का स्वप्न हरा है' का लोकार्पण किया।
समकालीन भारतीय साहित्य के संपादक बलराम और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यशवंत व्यास ने संग्रह के लिए कवि को शुभकामनाएं दीं। अरुण आदित्य ने इस संग्रह से एक कविता का पाठ भी किया। इस अवसर पर मदन कश्यप, देव प्रकाश चौधरी, राजकुमार राकेश, देश निर्मोही, वसंत सकरगाये, महेश कटारे, राजेंद्र शर्मा, अजय सिंह समेत साहित्य जगत के अनेक महत्वपूर्ण नाम उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि निरंजन श्रोत्रिय ने किया।
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