अयोध्या: बुढ़वा मंगल पर पूजे जाएंगे भगवान मतगजेंद्र, श्रद्धालु हरे चने चढ़ा करेंगे प्रसन्न

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या के रामकोट क्षेत्र स्थित भगवान मतगजेंद्र के प्राचीन मंदिर में होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को बुढ़वा मंगल पर्व मनाया जाता है। इस स्थान पर सैकड़ों वर्षों से भव्य मेले का अयोजन होता है। मंदिर में विराजमान भगवान मतगजेंद्र अयोध्या के कोतवाल माने जाते हैं। इनका पूजन अर्चन कोतवाल के रूप में किया जाता है।

पुराणों के अनुसार भगवान राम साकेतवास धाम जाने से पहले अयोध्या के राजा के रूप में हनुमान जी और अयोध्या की सुरक्षा के लिए अयोध्या के कोतवाल के रूप में विभीषण के पुत्र मतगजेंद्र को जिम्मेदारी सौंप दी थी। तभी से भगवान मतगजेंद्र को अयोध्या कोतवाल माना जाता है। उसी दिन से परंपरागत अनुसार भगवान मतगजेंद्र की पूजा प्रतिवर्ष की जाती है, जिसे बुढ़वा मंगल भी माना जाता है।

भगवान मतगजेंद्र को मुख्य रूप से हरे चने चढ़ाए जाने का भी रिवाज है। माना जाता है कि भगवान मतगजेंद्र को हरे चने बहुत ही प्रिय थे। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि कलयुग में महाराजा विक्रमादित्य के द्वारा सबसे पहले मतगजेंद्र मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था।

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