हल्द्वानी: हम छूं कुम्मैयां हमरो कुमाऊं...
पांच कुमाऊं रेजीमेंट के गौरव सेनानियों ने धूमधाम से मनाया यूनिट का स्थापना दिवस
कुमाऊंनी गीतों पर जमकर थिरके गौरव सेनानी व महिलाएं
हल्द्वानी, अमृत विचार। पांच कुमाऊं रेजीमेंट के गौरव सेनानियों ने यूनिट का स्थापना दिवस समारोह रविवार को धूमधाम से मनाया। समारोह में हल्द्वानी निवासी गौरव सेनानी और महिलाएं कुमाउनी गीतों पर थिरकते नजर आये। वक्ताओं ने रेजीमेंट के गौरवशाली इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला।
आरटीओ रोड स्थित बैंकट हॉल में आयोजित समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेजर कुंवर सिंह माहरा व समारोह समिति के अध्यक्ष सूबेदार मेजर खड़क बहादुर ने कालिका माता के चित्र के सामने दीप जलाकर किया। इसके बाद कैप्टन टीएस सुयाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और बटालियन के इतिहास पर प्रकाश डाला। बताया कि 1971 में पांच कुमाऊं द्रबुक (लद्दाख) में थी।
उनको बैरकपुर (प. बंगाल) जाने का आदेश मिल चुका था। एडवांस पार्टी चली गई थी। जब दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति बनी तो यूनिट को जम्मू में सुचेतगढ़ में तैनाती का आदेश मिला। वहां पर यूनिट रक्षात्मक रोल में रही और यूनिट ने तत्परतापूर्वक सुचेतगढ़ बार्डर की रक्षा की। उस दौरान यूनिट के मात्र 3 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए।
युद्ध समाप्ति के बाद 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच सुचेतगढ़ की आक्ट्राई चौकी में जो कान्फ्रेंस हुई उसकी व्यवस्था भी 5 कुमाऊं ने सफलता पूर्वक की। समारोह के दौरान गौरव सेनानियों ने एक-साथ मिलकर 'हम छू कुम्मैयां हमरो कुमाऊं...' गीत गाया।
वहीं चांचरी में 'खोल दे माता' गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर कैप्टन विक्रम सिंह, कैप्टन दयाल सिंह, कैप्टन प्रकाश चंद्र, सूबेदार मेजर खड़क बहादुर, कुंदन सिंह, खड़क सिंह समेत कई गौरव सेनानी व महिलाएं मौजूद रहीं।
