भारत-जापान ने 8 करार दस्तावेजों पर किए हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री Fumio Kishida ने PM मोदी को G7 समिट में बुलाया
नई दिल्ली। भारत एवं जापान ने वैश्विक उथल-पुथल के बीच दुनिया में टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना एवं स्थायित्व के लिए आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाने के इरादे के साथ आपसी सहयोग के आठ करार दस्तावेजों पर सोमवार को हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ यहां हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधि मंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक में ये फैसले लिए गये।
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— PM's Office of Japan (@JPN_PMO) March 20, 2023
PM Kishida contributed an article to @IndianExpress on the occasion of his visit to India.
"I am convinced that the unwavering trust & the close coordination b/w India & Japan as leading democracies of Asia are the cornerstones of peace & prosperity in the region." pic.twitter.com/rkHAKT4KiM
जापान के प्रधानमंत्री ने मोदी को मई में जी 7 के शिखर-सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया, वहीं मोदी ने सितंबर में जी 20 के शिखर सम्मेलन में किशिदा की पुनः मेजबानी करने की अपेक्षा की। मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री किशिदा और उनकी कई बार मुलाकात हुई है, और हर बार भारत-जापान संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मकता और प्रतिबद्धता को महसूस किया है। इसलिए आज की उनकी यात्रा हमारे आपसी सहयोग की गति बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी रहेगी।
Addressing the press meet with PM @kishida230. https://t.co/E1SIY7MlkA
— Narendra Modi (@narendramodi) March 20, 2023
मोदी ने कहा, इस साल भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है, और जापान जी 7 की। और इसलिए, अपनी अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है। उन्होंने आज प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की जी 20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया। हमारी जी 20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज़ देना है। 'वसुधैव कुटुम्बकम' को मानने वाली संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, और इसीलिए हमने यह पहल ली है।
मोदी ने कहा, भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी हमारे साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों, और अंतर-राष्ट्रीय पटल पर कानून के शासन के सम्मान पर आधारित है। इस साझेदारी को मजबूत बनाना, हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इससे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शान्ति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा मिलता है। आज हमारी बातचीत में, हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य, और डिजिटल साझीदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया। सेमीकन्डक्टर और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी में विश्वस्त आपूर्ति श्रृंखला के महत्व पर भी हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई। पिछले साल, हमने अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन, यानी तीन लाख 29 हजार करोड़ रुपए, के जापानी निवेश का लक्ष्य तय किया था। यह संतोष का विषय है, कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में, हमने भारत जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मक साझेदारी की स्थापना की थी। इसके अंतर्गत, हम लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, लघु एवं मध्यम उद्योग, कपड़ा उद्योग, मशीनरी और इस्पात जैसे क्षेत्रों में भारतीय इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा रहे हैं। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि हम 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज वर्ष के रूप में मना रहे हैं, और इसके लिए हमने “हिमालय एवं मांउट फूजी संपर्क” नाम का थीम चुना है।
पीएम मोदी ने कहा, आज प्रधानमंत्री किशिदा ने मुझे मई महीने में हिरोशिमा मे होने वाली जी 7 लीडर्स समिट के लिए निमंत्रण दिया। इसके लिए मैं उनका हृदय से धन्यवाद करता हूँ। इसके कुछ महीनों बाद सितम्बर में जी 20 लीडर्स समिट के लिए मुझे प्रधानमंत्री किशिदा का फिर से भारत में स्वागत करने का अवसर मिलेगा। हमारी कामना है कि बातचीत और संपर्कों का यह सिलसिला इसी प्रकार चलता रहे, और भारत-जापान संबंध लगातार नई ऊंचाइयों को छूते रहें।
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