सहकारी बैंक धोखाधड़ी : ED ने की पुणे के शिक्षण समूह के प्रवर्तकों की 98 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कहा कि उसने धन शोधन रोधी कानून के तहत पुणे स्थित शिक्षण समूह के प्रवर्तकों की जमीन और एक स्कूल के भवन समेत चार संपत्ति कुर्क की है। एक स्थानीय सहकारी बैंक के खिलाफ कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी के मामले में जांच के तहत यह कार्रवाई की गई है। जांच एजेंसी ने बताया कि ये संपत्ति रोजरी एजुकेशन ग्रुप और इसके मुख्य सहयोगियों विनय अरन्हा और विवेक अरन्हा से संबंधित हैं।

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धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चार संपत्ति को कुर्क करने का अनंतिम आदेश जारी किया गया है। बयान में कहा गया है, ‘‘कुर्क संपत्ति की मौजूदा बाजार कीमत करीब 98.20 करोड़ रुपये बताई जा रही है।’’ विनय अरन्हा को ईडी ने 10 मार्च को गिरफ्तार किया था।

विनय अरन्हा और विवेक अरन्हा के खिलाफ कॉस्मस बैंक के शिवाजी विट्ठल काले द्वारा की गई शिकायत के आधार पर पुणे पुलिस की प्राथमिकी के बाद धन शोधन का मामला आया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने संपत्ति के ‘फर्जी’ दस्तावेज जमा कर बैंक से 20.44 करोड़ रुपये का कर्ज लिया।

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