लखनऊ : उत्पादों और शोध का पेटेंट कराने में 10 वें स्थान पर है भारत, इंग्लैंड से आए डॉ. सुनील ने बताई वजह
लखनऊ, अमृत विचार। इंग्लैंड के नाटिंघम से भारत आए पोमाटो के निदेशक एवं फार्मा वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार ने भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक शोध, औषधि या औषधीय सामग्री का पेटेंट कराने, ट्रेड मार्क करने, ख्याति प्राप्त जनरल में अपने शोध को प्रकाशित करने आदि के नियमों की जानकारी फार्मासिस्टों को दी।
उन्होंने यह जानकारी गुरुवार को एक निजी विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट इन फार्मास्यूटिकल ड्रग डेवलपमेंट विषय पर आयोजित सेमिनार के दौरान दी। कार्यक्रम का आयोजन फार्मेसिस्ट फेडरेशन की साइंटिफिक विंग की तरफ से किया गया था। डॉ. सुनील कुमार ने भारत और विश्व के अनेक देशों के नियमों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि हमें अपने बौद्धिक संपदा को सुरक्षित रखने के साथ समाज के प्रति मानवीय नैतिक जिम्मेदारियों का भी निर्वाह करना है। उन्होंने कहा कि इन नियमों के प्रति भारत में जागरूकता की कमी है, भारत अपने उत्पादों, शोध आदि के पेटेंट कराने के मामले में 10वें स्थान पर है, जबकि भारतीय फार्मा सेक्टर बहुत बड़ा है, नियमों की जानकारी ना होने से उद्योगों को कभी-कभी बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है और भारतीय उत्पादों को अन्य देशों के लोग थोड़ा बदलाव कर अपना पेटेंट करा लेते हैं ।
फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि फार्मेसिस्ट, फार्मास्यूटिकल शोधार्थियों के लिए फेडरेशन ऐसे व्याख्यान का आयोजन नियमित रूप से करता रहेगा । उन्होंने सभी से अपने ज्ञान को निरंतर अपडेट करने का अनुरोध किया ।
इस अवसर पर यूथ फेडरेशन जनपद अध्यक्ष अनिल दुबे, प्रांतीय सचिव अज़ीम, तंजील, शेहर, मेहविश फातिमा आदि के साथ डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर शोधार्थी फार्मेसिस्टो ने भी प्रतिभाग किया ।
बता दें कि डॉ सुनील मूल रूप से भारतीय हैं और ताइवान, नाटिंघम इंग्लैंड के कई संस्थानों में वैज्ञानिक और अनेक संस्थानों के गेस्ट प्रोफेसर हैं । इस अवसर पर फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव को सम्मानित भी किया गया ।
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