ब्लैक स्पॉट सुधारने में मंडल में मुरादाबाद फिसड्डी, 17 में से सिर्फ तीन पूरे

अमरोहा में 15 ब्लैक स्पॉट का काम पूरा, तीन में वन क्षेत्र की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया सुस्त

ब्लैक स्पॉट सुधारने में मंडल में मुरादाबाद फिसड्डी, 17 में से सिर्फ तीन पूरे

मुरादाबाद, अमृत विचार। सड़क सुरक्षा रोकने के सिस्टम में ही सेंध है। मंडल मुख्यालय मुरादाबाद सड़क सुरक्षा के लिए ब्लैक स्पॉट दुरुस्त करने में अधिकारी फिसड्डी हैं, जबकि यहां मंडलायुक्त से लेकर अन्य विभागों के मंडल स्तर के अधिकारी स्वयं बैठते हैं। यहां 17 ब्लैक स्पॉट में से सिर्फ तीन को सुधारा गया है। जबकि 14 पर काम अधर में है। इसमें सर्वाधिक अमरोहा में 15 ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त कर दिया गया है। मुरादाबाद से बेहतर स्थिति रामपुर जिले की है जहां आधा सफर तय कर लिया गया है। 

सड़क हादसे के मुख्य रूप से ब्लैक स्पॉट उत्तरदायी माने जाते हैं। मुरादाबाद जिले में 17, अमरोहा में 15, रामपुर में नौ ब्लैक स्पॉट हैं। लेकिन, इसे सुधार कर सफर सुगम और सुरक्षित बनाने में अमरोहा जिले के अधिकारियों का कार्य सराहनीय है। मंडल मुख्यालय मुरादाबाद में भी 17 में से सिर्फ तीन ब्लैक स्पॉट सुधारे जा चुके हैं। शेष पर आंशिक कार्य जारी होने की जानकारी खुद विभागों के अधिकारियों ने मंगलवार को मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दी थी।

इससे स्पष्ट है कि मंडल मुख्यालय ही सड़क सुरक्षा को लेकर कितना संजीदा है। मंडलायुक्त की सख्ती के बाद भी मंडल मुख्यालय के अधिकारियों की गंभीरता ब्लैक स्पॅाट सुधारने में नहीं है। जबकि सड़क सुरक्षा प्राधिकरण की हर बैठक में मंडलायुक्त अधिकारियों को सख्त संदेश देते हैं। फिर भी स्थिति ढाक के तीन पात वाली है। मंडल में अमरोहा में प्रगति सर्वश्रेष्ठ है। यहां 15 ब्लैक स्पॉट को सुधार दिया गया है शेष तीन पर वन क्षेत्र की जमीन अधिग्रहण का पेच है। वहीं मंडल के छोटे जिले अमरोहा में 18 में 15, रामपुर में नौ में से पांच ब्लैक स्पॉट को ठीक कराकर सड़क दुर्घटना रोकने में कदम बढ़ाया गया है। मंडलायुक्त का कहना है कि ब्लैक स्पॉट सुधारने से सड़क दुर्घटना रोकने में काफी मदद मिलेगी।

हिट एंड रन की दुर्घटना को करना है चिह्नित 
मंडलायुक्त के निर्देश पर अब अधिकारियों को सोलेशियम स्कीम के तहत हिट एंड रन की दुर्घटनाओं के प्रकरण चिह्नित कर दुर्घटना राहत प्रदान करने में गंभीरता दिखानी होगी। सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त ने सार्वजनिक सेवा यानों से लंबित दुर्घटनाओं के प्रकरण के संदर्भ में निर्देश दिया है कि प्रवर्तन कार्रवाई में सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों हेलमेट,  सीट बेल्ट, गलत साइड से वाहन चलाने शराब या नशीले पदार्थ का सेवन कर वाहन चलाने की घटनाओं में कमी आई है।

बिना पंजीकरण ई-रिक्शा का संचालन
मुरादाबाद। अमृत विचार: शहर में यातायात व्यवस्था बिगाड़ने में सबसे बड़ा योगदान ई-रिक्शा के अवैध संचालन का है। जिनकी संख्या 4000 है। सख्ती के बाद भी ई रिक्शा की न तो अभी तक फिटनेस हुई है और न ही बीमा। ई-रिक्शा के चालक बिना ड्राइविंग लाइसेंस के यातायात पुलिस के सामने इसे चला रहे हैं।   

शहर में सबसे बड़ी समस्या जाम की है। ई-रिक्शा के कारण भी जाम की स्थिति बन जाती है। इसका मुख्य कारण है बिना मानकों के सड़कों पर दौड़ने वाली ई-रिक्शा। संभागीय परिवहन विभाग की जानकारी के अनुसार 20 मार्च 2023 तक 10137 ई-रिक्शा पंजीकृत की गई है। जबकि लगभग चार हजार ई-रिक्शा ऐसी हैं जो अवैध हैं। क्योंकि इन ई-रिक्शा की समय अवधि निकल चुकी है और इनका फिटनेस व बीमा भी नहीं है। अधिकतर पीले रंग की नंबर प्लेट वाली ई-रिक्शा अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। पीले रंग पर हरा रंग पोतकर उस पर हाथ से नंबर लिखवाकर चलाया जा रहा है। 

शहर में 10137 ई-रिक्शा का पंजीकरण हो चुका है। इसके अलावा जो ई-रिक्शा चल रही हैं वह अवैध हैं। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के बाद अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ कार्रवाई का प्लान तैयार किया गया है। एक-दो दिन में अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। -आनंद निर्मल, एआरटीओ

शहर में अवैध ई-रिक्शा के खिलाफ चलेगा अभियान 
मुरादाबाद। शहर में बेपटरी यातायात व्यवस्था में सुधार को जल्द ही अवैध ई-रिक्शाओं पर अंकुश लगाया जाएगा। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मंडलायुक्त ने अवैध ई-रिक्शा संचालन को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से अभियान चलाकर कार्रवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने यातायात पुलिस और संभागीय परिवहन विभाग को ई-रिक्शाओं पर रोक लगाने को कहा है।

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