Chaitra Navratri 2023: बनवासी रूप में विद्यमान हैं प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण

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Published By Priya
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श्रीरघुनाथ जी महाराज मंदिर, दिनदारपुरा

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर के दिनदारपुरा मोहल्ले में स्थित श्रीरघुनाथ जी महाराज का मंदिर काफी प्राचीन है। 500 साल से अधिक प्राचीन मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी है। आसपास ही नहीं दूरदराज के लोग इस मंदिर में आस्था और विश्वास लेकर आते हैं। मान्यता है कि दरबार में माथा टेकने से उनकी हर मुराद पूरी हो जाती है। नवरात्र के दिनों में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। 

प्रभु श्रीराम का यह सबसे प्राचीन मंदिरों में है। मंदिर की स्थापना के साथ ही राम दरबार स्थापित किया गया था। राम दरबार में प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण वनवासी के रूप विद्यमान हैं। मंदिर प्रशासन की ओर से राम दरबार का साज सज्जा कर नया रूप देने की कोशिश की है। मंदिर में राम दरबार के अलावा शिव परिवार, हनुमान जी, राधा-कृष्ण, दुर्गा जी, संतोषी माता, बृहस्पति देव, शनि शिला, भैरव बाबा की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा मंदिर में मां काली की बड़ी मूर्ति विराजमान है। मां काली की यह मूर्ति अष्टधातु की है। बताते हैं कि जिस समय मां काली की यह मूर्ति स्थापित की गई थी, उस समय उत्तर भारत की इकलौती अष्टधातु की मूर्ति थी। तमिलनाडु से मूर्ति लाकर स्थापित की गई थी। दिल्ली तक के लोग यहां आते हैं।

अभिनेत्री व पूर्व सांसद जयाप्रदा भी यहां आ चुकी हैं। 2009 में चुनाव लड़ने से पहले और बाद में जीतने पर भी वह माथा टेकने आईं थी। 2019 में भी आई हैं। बताया जाता है कि जब भी वह मुरादाबाद पहुंचती हैं तो इस मंदिर में दर्शन करने आती हैं। मां काली के पास 2006 से लगातार अखंड ज्योत प्रज्जवलित हो रही है। -राघवेंद्र जोशी, पुजारी

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