Video : देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हुई, PM मोदी बोले - गौरव का पल 

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Published By Himanshu Bhakuni
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मैसूर (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैसूर पहुंचे हैं। जहां उन्होंने टाइगर प्रोजेक्ट के 50 वर्ष पूरे होने पर एक स्मरणोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया और साथ ही परियोजना के 50 वर्ष पूरे होने पर प्रकाशन अमृत काल का विजन फॉर टाइगर कंजर्वेशन और स्मारक सिक्का भी जारी किया। पीएम मोदी ने कहा,  हम सभी एक बेहत महत्वपूर्ण पड़ाव के साक्षी बन रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष हो गए हैं। भारत ने न सिर्फ टाइगर को बचाया है बल्कि उसे फलने फूलने का एक बेहतरीन ईको सिस्टम दिया है। 

 

पीएम मोदी ने टाइगर के नए आंकड़े पेश करते हुए कहा कि साल 2022 में देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हुई। प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व का विषय है। भारत ने आजादी के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। दुनिया में बाघों की आबादी का 75% हिस्सा भारत में है। ताजाआंकड़ों के मुताबिक देश में बाघों की तादाद बढ़कर 3167 हो गई है। पिछले साल ये आंकड़ा 2967 का था। यानी एक साल में 200 बाघ नए जुड़े हैं। मोदी ने कहा कि टाइगर का बढ़ा हुआ आंकड़ा गौरव का पल है। बाघ दुनिया के मुकाबले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। Big Cats की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की ecology पर सकारात्मक असर डाला है। दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गए थे, हम शानदार चितों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रिका से भारत लेकर आए। कुछ दिन पहलेही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है।

पीएम मोदी ने कहा, दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया था। हम इस शानदार Big Cat को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए हैं। ये एक Big Cat का पहला सफल trans-continental translocation है। कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है। Big Cats की वजह से Tiger reserves पर्यटकों की संख्या बढ़ी और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।

पीएम मोदी ने कहा, Big Cats की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की ecology पर सकारात्मक असर डाला है। जब अनेक टाइगर रिजर्व देशों में उनकी आबादी स्थिर है या आबादी घट रही है तो फिर भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है? इसका उत्तर है भारत की परंपरा, भारत की संस्कृति और भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर, पर्यावरण को लेकर हमारा स्वाभाविक आग्रह।

पीएम मोदी ने कहा, जिस एलीफेंट व्हिस्परर्स डॉक्यूमेंट्री को ऑस्कर मिला है वह भी नेचर और क्रिएचर के बीच के अद्भुत संबंधों की हमारी विरासत को दर्शाती है। मेरा आग्रह है कि आप हमारे आदिवासी समाज के जीवन और परंपरा से अपने देश और समाज के लिए कुछ न कुछ लेकर जाएं।

पीएम मोदी ने कहा, 'मिशन लाइफ' यानी, लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट के विजन को समझने में भी आदिवासी समाज की जीवनशैली से बहुत मदद मिलती है। इसलिए आप सबसे मेरा आग्रह है कि आदिवासी समाज के जीवन और परंपरा से कुछ न कुछ जरूर अपने देश और समाज के लिए लेकर जाएं। मानवता का बेहतर भविष्य तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, हमारा बायो डायवर्सिटी का विस्तार होता रहेगा। ये दायित्व हम सभी का है, पूरे विश्व का है। इसी भावना को हम अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान निरंतर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं।

भारत में 2022 में बाघों की आबादी 3,167 थी
प्रधानमंत्री मोदी ने मैसूर में बाघों की आबादी को लेकर नवीनतम आंकड़ा जारी किया और बताया कि 2022 में भारत में बाघों की संख्या 3,167 थी। आंकड़ों के अनुसार, देश में 2006 में बाघों की आबादी 1411, 2010 में 1706, 2014 में 2226, 2018 में 2967 और 2022 में 3167 थी। प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने इंटरनेशन बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) की शुरुआत भी की। आईबीसीए का उद्देश्य बाघ और शेर समेत दुनिया की बिग कैट परिवार की सात प्रमुख प्रजातियों की रक्षा एवं संरक्षण करना है। मोदी ने अमृत काल का टाइगर विजन नाम की एक पुस्तिका का विमोचन भी किया, जो अगले 25 वर्षों में देश में बाघों के संरक्षण के लिए दृष्टिकोण पेश करती है। 

इस साल यानी 2023 की ही बात करें, तो अब तक 26 बाघों की मौत की खबर आ चुकी है। बीते 5 साल की बात करें, तो विभिन्न कारणों से 171 बाघों ने जान गंवाई है। यहां तक कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को राज्य में बाघों की मौत का संज्ञान लेकर जांच के आदेश तक देने पड़े। 2022 में पता चला था कि भारत में जितने बाघ थे, उनमें से 30 फीसदी अभयारण्यों से बाहर थे।

 
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