रिलायंस से प्रतिस्पर्धा की चिंता नहीं, 2023-24 में ‘व्यापक’ वृद्धि की उम्मीद: जीसीपीएल
नई दिल्ली। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं (एफएमसीजी) के क्षेत्र में रिलायंस के प्रवेश से चिंतित नहीं है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि के इस क्षेत्र में उतरने की वजह से पहले ही चुनौतियों का सामना कर रही है। जीसीपीएल के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) समीर शाह ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि कंपनी प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए अपनी ब्रांड इक्विटी, उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला और नवाचार पर दांव लगा रही है।
उन्होंने कहा, हमने एफएमसीजी क्षेत्र में कई अवरोध देखे हैं। 2005-06 में सभी ने कहा था कि आधुनिक खुदरा क्षेत्र निजी लेबल के साथ इस क्षेत्र में तूफान ला देगा और एफएमसीजी खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करना बहुत मुश्किल होगा। आधुनिक खुदरा व्यापार में 17-18 साल बाद आज भी कुछ नहीं बदला है। शाह एफएमसीजी क्षेत्र में रिलायंस के आने के बाद क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति बदलने संबंधी एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
शाह ने कहा, अभी इसपर बात करना बहुत जल्दबाजी होगा। कुछ साल पहले हमने पतंजलि देखा। पांच-छह साल पहले लगता था कि एफएमसीजी क्षेत्र में वह सभी को पीछे छोड़ देंगे और आगे का रास्ता कठिन होगा। लेकिन हमने वैसी परेशानी या प्रतिस्पर्धा नहीं देखी। अब इसे (रिलायंस के आगमन) देखते हैं कि कुछ समय बाद क्या असर पड़ता है। जब वृद्धि के विभिन्न श्रेणियों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह व्यापक रहेगी। उन्होंने कहा, हम वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों श्रेणियों- घरेलू वस्तुओं और व्यक्तिगत देखभाल में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। जीसीपीएल का 45 प्रतिशत राजस्व भारतीय बाजार से आता है जबकि शेष कमाई इंडोनेशिया और अफ्रीका जैसे वैश्विक बाजारों से होती है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी इकाई रिलायंस रिटेल के माध्यम से एफएमसीजी क्षेत्र में प्रवेश किया है।
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