Wrestlers Protest : '...यह बेहद ही शर्मनाक है', पीटी उषा के बयान पर पहलवानों का पलटवार
नई दिल्ली। 23 अप्रैल से पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर मोर्चा खोले हुए हैं। पहलवानों के इस धरने पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा था कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है। अब धरना दे रहे पहलवानों ने पीटी उषा के बयान पर दुख जताते हुए पलटवार किया है। पहलवानों ने कहा कि पीटी उषा को उनके आंदोलन का सम्मान करना चाहिए।
ये खिलाड़ी बैठे धरने पर
आपको बता दें कि स्टार पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई पहलवान डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पहलवानों को धमकाने के आरोपों के साथ जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं।
'सड़कों पर उतरने की बजाय उन्हें हमारे पास आना चाहिए था...'
पीटी उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा, यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर हम पहलवानों की भावनाएं समझते हैं। आईओए की एक समिति और खिलाड़ी आयोग है। सड़कों पर उतरने की बजाय उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन उनमें से कोई भी आईओए के पास नहीं आया। उन्होंने कहा, थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए। हमारे पास आने के बजाय वे सीधे सड़कों पर उतर गए यह खेल के लिए अच्छा नहीं है।
'उषा मैम ने अपने बयान से पहलवान समुदाय को निराश किया'
बजरंग पूनिया ने कहा, हाल ही में, उषा मैम ने ट्वीट किया था कि कुछ लोगों ने गुंडागर्दी का सहारा लेकर उनकी अकादमी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की। वे मुझे बताएं कि क्या उस समय देश की छवि धूमिल नहीं हो रही थी। अगर वे राज्यसभा सांसद होने के नाते अपनी अकादमी की जमीन को नहीं बचा सकती हैं, तो बृजभूषण सिंह के खिलाफ हम जैसे सामान्य पहलवानों के लड़ाई लड़ने और जीतने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? उषा मैम ने अपने बयान से हमारे पूरे पहलवान समुदाय को निराश किया है।'
'पीटी उषा को हम अपना बड़ा आइकन मानते हैं'
विनेश फोगाट ने भी कहा, 'हम देश के संविधान को फॉलो करते हैं। लेकिन अगर हम सड़क पर बैठे हैं तो हमारी कुछ मजबूरी है, क्योंकि हमारी किसी ने बात नहीं सुनी। ऐसे में हमें धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीटी उषा को हम अपना बड़ा आइकन मानते हैं। उनका महिलाओं के प्रति ऐसे बोलना, बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं होना, काफी दुखद है। विनेश ने कहा, "मैंने उनको पर्सनली फोन भी किया था। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। अगर पीटी ऊषा मैम के साथ ऐसा हुआ होता तो क्या वे इतना लंबा इंतजार कर लेती? हमें नहीं पता यह उनकी जुबान है या उनके ऊपर भी कोई दबाव है। वह आईओए की अध्यक्ष हैं, लेकिन उनको मीडिया में आकर यह कहना पड़ा था, वह भी रो-रोकर, कि उनकी अकादमी तोड़ी जा रही है। जो खुद के साथ ही न्याय नहीं करा सकी, हम उनसे क्या उम्मीद रखें?'
क्या हम विरोध भी नहीं कर सकते?
पीटी उषा के बयान पर पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, 'मैं पीटी उषा का सम्मान करती हूं। उन्होंने हमें प्रेरित किया है। लेकिन मैं मैम से पूछना चाहती हूं कि महिला पहलवान आगे आई हैं, उन्होंने उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है। क्या हम विरोध भी नहीं कर सकते? आईओए समिति में हमने अपने बयान दिए। आईओए समिति के सदस्य भी रो पड़े थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
'...यह बेहद ही शर्मनाक है'
गीता फोगाट ने कहा, ''जिस इंसान पर इतने संगीन आरोप लगे हों उन पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है और पीटी उषा आप खिलाड़ियों को अनुशासनहीन बता रही हैं। एक महिला और खिलाड़ी होने के नाते आपसे तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी। यह बेहद ही शर्मनाक है।'
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