देहरादून: अमरीकी कंपनी का नाम बता कर लगाई 25 लाख की चपत
देहरादून, अमृत विचार। साइबर ठगों ने अमेरिकी कंपनी के नाम पर जीआईएस मैपिंग करने वाली कंपनी के मालिक को 25 लाख का चूना लगा दिया। आरोपी पीड़ित से ग्रीस देश की जीआईएस मैपिंग करवाकर गायब हो गया। पीड़ित की शिकायत पर नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्राथमिक जांच में फर्जीवाड़ा दून से ही होने की जानकारी सामने आ रही है।
थाना प्रभारी नेहरू कॉलोनी लोकेंद्र बहुगुणा ने बताया कि दून निवासी बृज मोहन आर्य ने बीते सितंबर में मोहकमपुर में सीएसएल इंफोटेक नाम से जीआइएस मैपिंग कंपनी शुरू की थी। बीते साल 28 सितंबर को उन्हें माइकल यंग नाम के व्यक्ति का ईमेल आया था। माइकल ने खुद को अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित एक कंपनी से जुड़ा बताते हुए उनके सामने जीआईएस मैपिंग के एक प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा। बातचीत के बाद आरोपी ने ग्रीस देश के शहरों की जीआईएस मैपिंग कराने की डील की। इसकी एवज में साढ़े छह हजार डॉलर प्रति वर्ग मीटर की दर से भुगतान किया जाना तय हुआ था।
बृज मोहन ने बताया कि डील के मुताबिक उन्होंने 25 लोगों की टीम बनाकर ग्रीस में काम शुरू करा दिया। 10 नवंबर तक तीन हजार वर्ग किमी क्षेत्र की जीआईएस मैपिंग कर डाटा माइकल को भेज दिया, लेकिन उसने इसका भुगतान नहीं किया। आरोप है कि कई बार ईमेल और फोन करने के बाद भी आरोपी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
इसके बाद बृज मोहन ने अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास और नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास को भी इस बारे में ई-मेल के जरिये सूचना दी, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कैलिफोर्निया के हेवर्ड पुलिस स्टेशन को भी ईमेल के माध्यम से शिकायत की, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। परेशान होकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। इसके बाद माइकल यंग के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह काम कैनाल रोड क्षेत्र के ही किसी व्यक्ति का है। यह भी आशंका है कि आरोपी ने बृज मोहन से जीआईएस मैपिंग करवाकर इसका डाटा विदेश में अपने क्लाइंट को बेचा है। पुलिस मेल जनरेट होने की जानकारी जुटाने के साथ ही कंप्यूटर के आइपी एड्रेस का भी पता लगा रही है।
