अयोध्या : रामपथ निर्माण के चलते रैन बसेरे पर चला बुलडोजर

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । जिले में गरीब-गुरबा को आराम फरमाने के लिए छत उपलब्ध कराने को जिले मुख्यालय पर एक ही पक्का रैन बसेरा था और वह भी विकास की भेंट चढ़ गया। इसी रैन बसेरे में ज्यादा-गर्मी और बरसात में रिक्शा-ठेला वालों समेत अन्य को सर छुपाने और आराम फरमाने की ठौर मिलती थी, लेकिन रामपथ निर्माण को लेकर सड़क के चैड़ीकरण के लिए रेन बसेरे पर बुलडोजर चलवा दिया गया।

सिविल लाइन क्षेत्र में रोडवेज बस स्टेशन के निकट और सर्किट हाउस के सामने तत्कालीन सांसद, वर्तमान में पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने सांसद निधि से लाखों के बजट से मुख्य मार्ग के किनारे गरीब-गुरबा को थकान मिटाने, मौसम की मार से बचाने तथा बिना कुछ खर्च किये आराम फरमाने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रैन बसेरे का निर्माण कराया था। कुछ वर्षों तक इसका ठीक से संचालन भी होता रहा लेकिन फिर यह अव्यवस्था के मकड़जाल में उलझने लगा।

प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षित-अशिक्षित, कुशल-अकुशल तथा पारंपरिक पेशे से जुड़े लोगों को रोजगार दिलाने के लिए नगरीय विकास प्राधिकरण के माध्यम से योजना शुरू की तो प्रशासन की ओर से इसका एक हिस्सा अनुबंध हासिल करने वाली फर्म को अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए हस्तगत कर दिया। हलांकि दूसरा भवन बदस्तूर रैन बसेरे के रूप में इस्तेमाल होता रहा।  

बदलते दौर में विलुप्तप्राय होती जा रहीं सार्वजनिक सुविधाएं

विकास की दौड़ में शहर में सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएं विलुप्तप्राय होती जा रही हैं। कभी रंगमंच और सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए प्रमुख केंद्र रहा आचार्य नरेन्द्रदेव सभागार अर्थात नरेन्द्रालय बदलते दौर में बस ढांचा भर रह गया है। दशक भर से यह उपेक्षा का शिकार है और मरमम्त तथा बुनियादी सुविधाओं के आभाव के चलते निष्प्रयोज्य हो गया है। एक ही पक्का रैन बसेरा था, वह भी विकास के लिए ध्वस्त कर दिया गया। शहर की आबादी और लोगों की आमद दरफ्त भले ही बढ़ी हो लेकिन शहर से जल प्याऊ, यूरिनल, विश्रामालय आदि गायब होते जा रहे हैं।

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