रामपुर: आजम खां के उत्पीड़न के खिलाफ उतरी सपा, बर्क और एसटी हसन समेत 27 नेताओं ने की डीएम से मुलाकात

आजम और उनके परिवार को प्रशासनिक उत्पीड़न से निजात दिलाने को डीएम से मिला सपा का प्रतिनिधि मंडल, सौंपा ज्ञापन, भाजपा द्वारा अलोकतांत्रिक आचरण से संविधान की धज्जियां उड़ाने का जड़ा आरोप

रामपुर: आजम खां के उत्पीड़न के खिलाफ उतरी सपा, बर्क और एसटी हसन समेत 27 नेताओं ने की डीएम से मुलाकात

रामपुर, अमृत विचार। पूर्व मंत्री आजम खां, उनके परिवार और उनके समर्थकों के ऊपर हो रहे प्रशासनिक उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए सपा के  प्रतिनिधि मंडल में शामिल सांसद शफीक उर रहमान बर्क, सांसद एसटी हसन, विधायक महबूब अली समेत 27 सदस्यों ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ को ज्ञापन सौंपा। मांग है कि आजम खां और उनके परिजनों समेत उनके समर्थकों पर हो रहे अत्याचार और अवैधानिक कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए। 

तोपखाना रोड स्थित सपा कार्यालय से सपा का प्रतिनिधि मंडल कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। रास्ते में जगह-जगह बेरियर लगाए गए थे और पुलिस बल तैनात था। दोपहर से आजम खां समर्थक सपा कार्यालय पर एकत्र होना शुरू हो गए थे। अपराह्न करीब 3 बजे सपा प्रतिनिधि मंडल में  शामिल सदस्यों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मंत्री आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम उनकी पत्नी डा. तजीन फातिमा उनके समर्थकों और पार्टी पदाधिकारियों पर फर्जी मुकदमे लगाकर जेल में रखा। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद यह लोग जेल से मुक्त हुए। कहा गया है कि आजम खां पर लगाए गए झूठे इल्जाम और तथाकथित हेट स्पीच पर अधिकतम सजा देर घंटे भर के अंदर उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त करा दी गई।

आजम खां का वोट देने का अधिकार भी छीन लिया गया। इस मुकदमें में 24 मई 2023 को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट द्वारा दोष मुक्त कर दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि अब शासन और प्रशासन ने पैराकारों और गवाहों को उनके घरों से उठाकर जबरन थाने में बंद कर दिया गया। कचहरी परिसर और संबंधित कोर्ट के बाहर से अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी नगर और थानाध्यक्ष टांडा के द्वारा मारते हुए ले जाकर अज्ञात स्थान पर बंद कर दिया है।

 सपा के बढ़ते जनाधार से घबराकर भाजपा सरकार द्वारा सपा को कमजोर करने के लिए सपा के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम और अपमानित करने के लिए नये-नये झूठे और फर्जी मुकदमें लगाकर उत्पीड़न करने का कार्य किया जा रहा है। भाजपा द्वारा अलोकतांत्रित आचरण से संविधान की धज्जियां उड़ाए जाने का भी आरोप लगाया गया है। मांग है कि आजम खां और उनके परिवार और उनके समर्थकों पर हो रहे अत्याचार और अवैधानिक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। इससे पहले कलेक्ट्रेट सभागार में सपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने कहा कि पुलिस सपा कार्यकर्ताओं पर जुल्म ज्यादती बंद करे। जिलाधिकारी से उपचुनाव के दौरान पुलिसिया कार्रवाई की भी शिकायत की गई। 

ज्ञापन पर इन लोगों के हैं हस्ताक्षर
सांसद एसटी हसन, सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, राज्यसभा सांसद जावेद अली खां, विधायक महबूब अली, पिंकी यादव, कमाल अख्तर, नवाब जान,मोहम्मद फहीम इरफान, हाजी नासिर कुरैशी, नसीर अहमद खां, जियाउर्रहमान, राम खिलाड़ी सिंह यादव, समर पाल सिंह, पूर्व विधायक यूसुफ अंसारी, एमएलसी शाहनवाज खां, सपा जिलाध्यक्ष अमरोहा मस्तराम, सपा जिलाध्यक्ष मुरादाबाद डीपी यादव, जिलाध्यक्ष संभल असगर अली, पूर्व जिलाध्यक्ष संभल फिरोज खां, पूर्व मंत्री जावेद आब्दी, जयवीर सिंह, इकबाल हुसैन अंसारी, शाने अली शानू, वीरेंद्र गोयल, अखिलेश कुमा, अमरजीत सिंह।

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