रामपुर: जिला अस्पताल पर तीसरी आंख से नजर रखेंगे जिलाधिकारी 

रामपुर: जिला अस्पताल पर तीसरी आंख से नजर रखेंगे जिलाधिकारी 

रामपुर, अमृत विचार। जिला अस्पताल में होने वाली गतिविधि पर अब जिलाधिकारी तीसरी आंख से नजर रखेंगे। मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा और व्यवस्थाएं भी चाक-चौबंद रहेंगी। आए दिन ओपीडी में डाक्टरों द्वारा मरीजों को दुत्कारने की शिकायतों में भी कमी आएगी। जिलाधिकारी ने दशकों पुरानी एक्स-रे मशीन को बदलवाए जाने के लिए मुख्य चिकित्साधीक्षक से स्टीमेट बनाकर देने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी ने पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचकर बच्चों में कुपोषण उन्मूलन के लिए किए जा रहे उपचार को लेकर व्यवस्थाएं देखीं और वहां भर्ती बच्चों की माताओं से बातचीत करके बच्चों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार और पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा किए जा रहे उपचार के बारे में पूछा। जिलाधिकारी मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय में जो सीसीटीवी लगे हुए हैं उनकी लाइव फीडिंग जनपद स्तर पर स्थापित आईसीसीसी में भी पहुंचनी चाहिए।

इंटरनल क्लोज सर्किट कैमरे के माध्यम से जिलाधिकारी अस्पताल पर नजर रखेंगे। ताकि, मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। इससे अस्पताल में आए दिन होने वाले बवाल में भी कमी आएगी। जिला अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा है और प्रतिदिन 900 से 1000 मरीज देखे जाते हैं।

जिलाधिकारी ने दवा वितरण कक्ष में पहुंचकर दवाओं की उपलब्धता के बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और फार्मासिस्ट से जानकारी प्राप्त ली साथ ही कहा कि सभी दवाइयां मानक के अनुरूप उपलब्ध रहें ताकि लोगों को उपचार के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए।

जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय में स्थित तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ में पहुंचकर जिला सलाहकार डा. शहजाद हसन से नशा मुक्ति के लिए विभागीय गाइड लाइन और तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ स्तर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी ली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि वे जिला चिकित्सालय परिसर में नशा मुक्ति केंद्र तैयार कराएं।  इसी सप्ताह के अंत तक अनिवार्य रूप से उसका संचालन शुरू कराएं।

जिलाधिकारी ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से ऐसे लोगों को उपचार मिल सकेगा जो किसी प्रकार के नशे के आदी हो चुके हैं परंतु काउंसलिंग के अभाव में वे नशा नहीं छोड़ पा रहे हैं। डा. शहजाद हसन से कहा कि ग्रामीण स्तर पर काउंसलिंग सत्र आयोजित करने के दौरान संबंधित एसडीएम से अवश्य संपर्क करें ताकि अधिक से अधिक लोगों की काउंसलिंग हो सके और नशे के दुष्चक्र से लोगों को मुक्ति मिल सके।

ब्लड बैंक पहुंचकर उन्होंने ब्लड की उपलब्धता और उसकी मॉनिटरिंग के लिए तैयार अभिलेखों का बारीकी से अवलोकन किया साथ ही समय-समय पर जरूरत पड़ने पर ब्लड की उपलब्धता कराने वाले स्वैच्छिक रक्त दाताओं के प्रोत्साहन के लिए ब्लड बैंक की तरफ से किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी ली।

पोषण पुनर्वास केंद्र पहुंचकर उन्होंने बच्चों में कुपोषण उन्मूलन के लिए किए जा रहे उपचार को लेकर व्यवस्थाएं देखीं। वहां भर्ती बच्चों के साथ काफी समय बिताया और बच्चों की माताओं से बातचीत करके बच्चों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार और पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा किए जा रहे उपचार के बारे में पूछा। इस दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव जैन भी मौजूद रहे।

जिला चिकित्सालय आय-व्यय की जांच करेगी संयुक्त टीम
जिला चिकित्सालय में विभिन्न मदों में प्राप्त होने वाली धनराशि के व्यय को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि अकाउंट ऑफिसर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीम द्वारा चिकित्सालय को प्राप्त बजट के सापेक्ष व्यय की स्थिति की जांच की जाएगी।

ताकि जो धनराशि शासन स्तर से प्राप्त हो रही है उसका जनहित में सदुपयोग किया जा सके। टीम द्वारा दवाओं की निर्बाध आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार को लेकर संभावनाओं पर भी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


जिलाधिकारी ने दशकों पुरानी एक्स-रे मशीन को बदलवाएं जाने के लिए स्टीमेट मांगा है। सीटी स्केन मशीन, एक्स रे मशीन और अल्ट्रासाउंड मशीन की तकनीकी ऑडिट अगले सात दिन में कराने के निर्देश दिए हैं। इससे इस बात का पता चल सकेगा कि इन मशीनों में क्या कमियां हैं और उनके सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।  इसके साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न जांचों के लिए बेहतर संभावनाओं को भी चिन्हित किया जा सकेगा।
                                                                                 - डा.एचके मित्रा, मुख्य चिकित्साधीक्षक, जिला चिकित्सालय