बरेली: बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल ब्योरे पर रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों से मांगी सहमति, 21 दिन के अंदर मांगा जवाब

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार: करीब 25 वर्ष पहले बंद हुई रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों का बॉम्बे हाईकोर्ट से भुगतान निर्धारण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। कोर्ट ने अभी पांच सौ कर्मचारियों को पत्र जारी कर पूर्व में दाखिल ब्योरे पर सहमति मांगी है। 21 दिन के अंदर इसका जवाब दाखिल करना होगा। मालिकाना हक मिलने के बाद कर्मचारियों को भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

रबड़ फैक्ट्री के लिए 1960 में मुंबई के सेठ किलाचंद को फतेहगंज पश्चिमी में सरकार ने 3.40 लाख रुपये लेकर 1382.23 एकड़ जमीन दी थी। लीज की शर्त थी कि फैक्ट्री बंद होने की स्थिति में जमीन सरकार के अधीन आ जाएगी, लेकिन 15 जुलाई 1999 को फैक्ट्री बंद होने के बाद ऐसा नहीं हो पाया। इसको लेकर मालिकाना हक का केस बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहा है। फैक्ट्री बंद होने से यहां काम कर रहे करीब 1432 कर्मचारियों का भुगतान फंस गया था, उसके बाद से भुगतान को लेकर मांग चल रही है।

हाईकोर्ट में मामला चलने के बाद अब कर्मचारियों के भुगतान को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि, इससे पहले फैक्ट्री पर मालिकाना हक तय हाेगा। फैक्ट्री पर जिसका मालिकाना हक होगा, उसी को कर्मचारियों का भुगतान देना होगा। फैक्ट्री की जमीन की कीमत 18 सौ करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है। बाॅम्बे हाईकोर्ट में सभी 1432 कर्मचारियों का ब्योरा दाखिल है। 

उस आधार पर कोर्ट ने पहले 500 कर्मचारियों को उनके पास सीधे पत्र भेजकर यह कहा है कि उनकी ओर से पूर्व में जो जानकारियां दी गई हैं, उसमें कर्मचारियों को कोई आपत्ति तो नहीं है। ब्योरे में कोई बदलाव करना है तो पत्र देखकर कर सकते हैं। इसके अलावा पत्र में कर्मचारियों को मिलने वाले भुगतान की धनराशि भी तय कर दी गई है।

21 दिन में जवाब दाखिल कर बोनस खारिज पर जताएंगे आपत्ति
एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि अभी 500 कर्मचारियों के पास पत्र आया है। यूनियन की ओर से पहले ही जवाब दाखिल किया जा चुका है, लेकिन हाईकोर्ट में दाखिल ब्योरे पर कर्मचारियों की भी सहमति लेने के लिए पत्र भेजा है। बाकी कर्मचारियों के पास भी हाईकोर्ट का पत्र आएगा। 

बताया कि सभी कर्मचारियों का भुगतान कोर्ट ने निर्धारित कर दिया है। कोर्ट ने कर्मचारियों के मूल वेतन के साथ डीए, डीएफए, एचआरए, मेडिकल एलाउंस, एजुकेशन एलाउंस को मंजूरी दे दी है, लेकिन मूल वेतन के ब्याज और बोनस को खारिज कर दिया गया है। इसको लेकर 21 दिन के अंदर बाॅम्बे हाईकोर्ट में उनकी ओर से जवाब दाखिल कर मूल वेतन के ब्याज और बोनस को खारिज करने पर आपत्ति जताई जाएगी।

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