हल्द्वानी: ओखलकांडा ब्लॉक में 8 स्कूल शिक्षक विहीन, 60 विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे
हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड सरकार दिल्ली के सरकारी स्कूलों का उदाहरण तो देती है। मगर प्रदेश के स्कूलों को उस स्तर तक लाने में नाकाम ही साबित होती है। शिक्षा मंत्री अध्यापकों के रिक्त पद भरने के लिए 100 दिन का प्लान तैयार करते हैं, लेकिन परिणाम नजर नहीं आता है। जिले के स्कूलों में लंबे समय से शिक्षकों के पद खाली हैं।
ओखलकांडा ब्लॉक में अध्यापकों की स्थिति दयनीय है। यहां 6 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 2 उच्च प्राथमिक विद्यालय शिक्षक विहीन हो चुके हैं और 60 विद्यालय एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं। स्कूलों की दूरी अधिक होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था भी यहां काम नहीं आ रही है।
माता-पिता भारी मन करके बच्चों को स्कूल तो भेज देते हैं, लेकिन उनके भविष्य को लेकर चितिंत रहते हैं। बच्चे अब अभिभावकों के सवाल करने लगे है कि हमारे स्कूल में शिक्षक कब आएंगे। विकासखंड में 142 राजकीय प्राथमिक विद्यालय हैं, 75 शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। 43 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें अध्यापकों के 29 पद खाली पड़े हैं। लंबे समय से शिक्षकों की स्थिति के मामले में विद्यालयों की हालत दयनीय बनी हुई है। मगर जिम्मेदार आंख मूंदे हुए हैं।
विगत वर्ष सर्किट हाउस में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने ओखकांड ब्लॉक में शिक्षकों की संख्या को लेकर जानकारी ली थी। बावजूद शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। विद्यालयो की दूरी अधिक होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था भी यहां सफल नहीं हो रही है। नौनिहालों को उनके हालात पर छोड़ा जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवार इससे खासा प्रभावित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में निजी विद्यालयों की भी इतनी संख्या नहीं है कि जहां अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ा सकें।
ये स्कूल हो गए शिक्षक विहीन
1-राजकीय प्राथमिक विद्यालय लिंगरानी
2- राजकीय प्राथमिक विद्यालय नरतोला
3- राजकीय प्राथमिक विद्यालय बलना
4- राजकीय प्राथमिक विद्यालय कौश्यार
5- राजकीय प्राथमिक विद्यालय ग्वांगड़ा
6- राजकीय प्राथमिक विद्यालय घमौरीमोड़ा
7- राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कैड़ागांव नवीन
8- राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिनगर
छह राजकीय प्राथमिक विद्यालय और दो उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं है। 60 विद्यालय एक स्कूल के भरोसे चल रहे हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा गया है।
-सुलोहिता नेगी, उप शिक्षा अधिकारी ओखलकांडा।
जिले में शिक्षकों को रिक्त पदों को लेकर अधियाचन भेजा गया है। इसमें अध्यापकों के खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने का अनुरोध किया गया है। उम्मीद है जल्द ही इस ओर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
-केएस रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी।
