International NASH Day : फैटी लिवर जीवन के लिए है घातक, डॉ. अमित गोयल की युवओं से अपील, कहा- शारीरिक व्यायाम कर बचायें जीवन

International NASH Day : फैटी लिवर जीवन के लिए है घातक, डॉ. अमित गोयल की युवओं से अपील, कहा- शारीरिक व्यायाम कर बचायें जीवन

लखनऊ, अमृत विचार। फैटी लिवर आज के समय में महामारी का रूप लेता जा रहा है। भारत में करीब 37 फीसदी लोग फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त हैं। फैटी लिवर आगे चलककर लिवर सिरोसिस का कारण बन सकता है। खास बात यह है कि फैटी लिवर की चपेट में केवल वयस्क ही नहीं है बल्कि बच्चे भी फैटी लिवर की दिक्कत झेल रहे हैं। बड़े हों या बच्चे इससे बचने का एक ही तरीका है जीवनशैली में बदलाव, शारीरिक मेहनत और स्वास्थ्य वर्धक भोजन। यह जानकारी संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के हेपेटोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.अमित गोयल ने दी ।

वह गुरुवार को विश्व नैश डे (International NASH Day) पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने देश और राज्य में बढ़ते हुए फैटी लिवर की बीमारी को रोकने के लिए जीवन शैली और आहार में संशोधन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रो.अमित गोयल के मुताबिक विश्व में एक तिहाई जनसंख्या फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित है। लोगों में फैटी लिवर के प्रति जागरुकता लाने के लिए विश्व नैश डे (International NASH Day)मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि लिवर में फैट  जमा हो जाता है। जो धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है। इसी के चलते कई लिवर सिरोसिस होने का खतरा रहता है। एक बार लिवर सिरोसिस हो गया तो जीवित रहने के लिए लिवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र रास्ता बचता है। ऐसे में यदि जीवनशैली में बदलाव लाकर शारीरिक मेहनत की जाये, आरामतलबी से बचा जाये, साथ ही एक ही तेल में कई बार बने भोजन को खाने से बचा जाये तो फैटी लिवर की समस्या से दूर रहा जा सकता है। यानी की तेल अथवा बनस्पति घी को बार-बार गर्म करने पर वह सेहत के लिए विशेषकर लिवर के लिए हानिकारक हो जाता है। ऐसे में उन्होंने युवाओं से कसरत, शारीरिक व्यायाम और आउटडोर गतिविधियों को अपनाने के साथ ही जंक फूड से बचने की अपील की है। 

उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि फैटी लिवर के बाद सिरोसिस और उसके बाद नॉन एल्कोहोलिक स्टेटोहेपटाइटिस (नैश) ( Non Alcoholic Steato Hepatitis)(NASH) होता है और यही बीमारी दुनिया भर में सबसे अधिक लिवर प्रत्यारोपण के लिए जिम्मेदार है। 

दरअसल, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के हेपेटोलॉजी विभाग, ने आईएपीईएन, लखनऊ चैप्टर के सहयोग से विश्व NASH ( Non Alcoholic Steato Hepatitis) दिवस मनाया है। 

इस अवसर पर एक प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसकी मेजबानी हेपेटोलॉजी विभाग के फैकल्टी डॉ. सुरेंद्र सिंह और डॉ. अजय मिश्रा ने की। प्रश्नोत्तरी में राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों की छह टीमों ने भाग लिया, जिसमें मेडिसिन और बाल रोग विभाग के स्नातकोत्तर छात्र शामिल थे। केजीएमयू की टीम ने पहला, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च ने दूसरा और डॉ. आरएमएल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने तीसरा पुरस्कार जीता। क्विज के अंत में हेपेटोलॉजी टीम द्वारा NASH और फैटी लिवर के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का विस्तृत विवरण दिया गया।

यह भी पढ़े : लखनऊ: संजीव जीवा हत्याकांड में घायल बच्ची से मिलने KGMU पहुंचे CM Yogi