मुरादाबाद : 2500 लाइसेंस, 10,000 से अधिक ई-रिक्शा...बीमा न ही फिटनेस और चालक भी अप्रशिक्षित

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Published By Bhawna
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मंडलायुक्त भी उठा चुके सवाल, आरटीओ ने दिया था भरोसा लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं

निर्मल पाण्डेय, अमृत विचार। महानगर में ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। चालकों के पास न लाइसेंस हैं और न ही फिटनेस। चालक भी फिट नहीं हैं। ई-रिक्शा व चालक, दोनों की फिटनेस दुरुस्त है या नहीं। इसके लिए अधिकारी भी प्रयास भी नहीं कर रहे हैं। चालकों को वाहन चलाने का प्रशिक्षण भी नहीं मिला है। मंडलायुक्त भी सवाल उठा चुके हैं। मगर कार्रवाई शून्य है।

करीब दो महीने पहले मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में आयुक्त ने संभागीय परिवहन अधिकारी भीमसेन सिंह से अवैध ई-रिक्शा संचालन पर सवाल भी उठाए थे। यही नहीं, आरटीओ को ई-रिक्शा के अवैध संचालन पर छपी खबर को भी आयुक्त ने पढ़कर सुनाया था। आरटीओ ने आयुक्त को कार्रवाई करने का भरोसा दिया था, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

आयुक्त ने बैठक में 4500 से अधिक ई-रिक्शों के संचालन अवैध होने की भी बात कही थी। उधर, संभागीय निरीक्षक प्रावधिक (आरआई) हरिओम का कहना है कि जब ई-रिक्शा चालक के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण की अनिवार्यता नहीं थी तब करीब 2500 लाइसेंस उन्होंने जारी किए थे, उसके बाद से कोई भी लाइसेंस नहीं दिया गया है। ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में प्रशिक्षण की अनिवार्यता 2019 से है। आरआई का कहना है कि करीब 8-10 हजार ई-रिक्शा शहर में चल रहे हैं, इनके पास चार पहिया वाहन चलाने के लाइसेंस हैं।

जिलाधिकारी के आदेश की भी अनदेखी 
जिलाधिकारी आरटीओ से कह चुके हैं कि शहर के कांठ, दिल्ली व रामपुर प्रमुख मार्गों से ई-रिक्शा का संचालन बंद कराएं। ई-रिक्शा केवल शहर के अंदर चलेंगे। इससे पहले एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने भी चैंबर में बैठक कर आरटीओ भीमसेन सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन आनंद निर्मल व निरीक्षक यातायात पवन त्यागी से कहा था कि कचहरी मार्ग पर ऑटो नहीं चलेगा, कोई भी ई-रिक्शा घर से आते-जाते सवारी नहीं लेगा।

ई-रिक्शा से सुरक्षित सफर के लिए जरूरी...
जिला सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य कपिल रस्तोगी बताते हैं कि ई-रिक्शा से कोई हादसा हो जाए तो मृतक एवं घायलों को क्लेम नहीं मिलेगा। क्लेम तभी मिलेगा, जब ई-रिक्शा का बीमा, फिटनेस व चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस हो। कुछ ऐसे भी हैं, जो एक से अधिक ई-रिक्शा खरीदकर किराए पर चलवा रहे हैं, उन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस कैसे बनेगा? उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा में बार कोड सिस्टम, फिटनेस, चेसिस नंबर, मालिक का बैंक खाता डिटेल, ड्रेस कोड और ई-रिक्शा के दाएं सुरक्षा जाल हो।ई-रिक्शा में रूट दर्शाने वाला बार कोड होना चाहिए।

ई-रिक्शा चालक ने एसडीओ का छीना था मोबाइल
कुछ दिन पहले की बात है। पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता एके अग्रवाल सुबह कार्यालय जा रहे थे। 24 वाहिनी पीएसी तिराहे के पास विपरीत दिशा में ई-रिक्शा खड़ा था। इन्होंने टोका बहस हुई तो अभियंता वीडियो बनाने लगे। ई-रिक्शा चालक ने उनका मोबाइल छीन लिया। शोर मचाने पर वह मोबाइल फेंककर भाग गया था।

ये भी हैं नियम

  • नए ई-रिक्शा खरीदने के दो साल के अंदर पहला फिटनेस कराएं। 
  • दूसरा व तीसरा फिटनेस तीन-तीन साल के अंदर कराएं। 
  • ई-रिक्शा की कुल आयु आठ वर्ष है।

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