अमेरिका का अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का फैसला घातक साबित: रिपोर्ट
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में पूर्व सरकार और वर्तमान सरकार की अफगानिस्तान से 2021 में सैनिकों की वापसी अभियान के फैसले को लेकर कड़ी आलोचना की गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान में तख्ता पलट सरकार के दौरान हुए संघर्ष के बीच सैनिकों की वापसी सुरक्षात्मक दृष्टि से घातक साबित हुआ।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने अफगानिस्तान से निकासी को लेकर बाइडेन के तरीके का बचाव करते हुए शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था कि उस वक्त राष्ट्रपति को युद्ध को रोकना था और समाप्त करना था। अमेरिका ने एक ऐसे युद्ध में अरबों डॉलर खर्च किए थे जिसका कोई अंत नहीं दिख रहा था। ट्रम्प के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने एक ईमेल में लिखा,“ जो बाइडेन अफगानिस्तान में संघर्ष के दौरान सैनिकों की वापसी को लेकर जिम्मेदार हैं।”
व्हाइट हाउस की रिपोर्ट ने सेना की वापसी अभियान को लेकर ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके पास योजना और सेना की कमी थी। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मैं उस वक्त लिए गए निर्णय और प्रशासन द्वारा अप्रैल में प्रस्तुत किए गए मुख्य निष्कर्षों पर लिए फैसले के बारे में नहीं बता सकता हूं।”
विदेश विभाग ने तालिबान के खिलाफ लगातार काबुल सरकारों का 20 वर्षों तक समर्थन किया और बाद में अंतिम अमेरिकी नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सेनाओं के चले जाने के बाद शुरू किए गए निकासी अभियान से निपटने के बारे में 85 पेज की आफ्टर एक्शन रिपोर्ट के 24 पेज जारी किए। अफगानिस्तान से 30 अगस्त, 2021 को अंतिम अमेरिकी सैनिकों के जाने से पहले लगभग छह हजार अमेरिकियों सहित लगभग 1.25 लाख से अधिक लोगों को काबुल से बाहर निकाला गया था, क्योंकि अमेरिका समर्थित सरकार के भागने के बाद तालिबान ने काबुल पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी।
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