उपेक्षा: मिजोरम के गृहमंत्री ने कहा- विस्थापितों को राहत के लिए केंद्र से नहीं मिली है कोई सहायता

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Published By Om Parkash chaubey
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आइजोल। मिजोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने सोमवार को कहा कि हिंसा-प्रभावित मणिपुर से विस्थापित हुए 12,300 से अधिक लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए केंद्र से कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई है। मिजोरम सरकार ने पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा के कारण राज्य (मिजोरम) में शरण लिये लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए केंद्र से 10 करोड़ रुपये मांगे हैं।

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लालचामलियाना ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने मणिपुर से आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों को मानवीय सहायता के तौर पर 10 करोड़ रुपये जारी नहीं किये हैं।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मई में विस्थापितों के लिए 10 करोड़ रुपये की राहत सहायता मांगी थी।

उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयते और गृह आयुक्त एवं सचिव एच. लालेनमाविया सहित अन्य अधिकारियों ने इस मुद्दे को लेकर पिछले महीने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की थी। मिजोरम के गृहमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह सचिव ने दिल्ली में रॉयते और अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में हमारी मदद करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक न तो कोई मदद पहुंची और न ही तब से इस पर केंद्र की ओर से कोई बयान आया है।’’

उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार विदेशियों के लिए नहीं, बल्कि भारतीय नागरिकों के लिए मानवीय सहायता की मांग कर रही है। उनहोंने केंद्र से मणिपुर के विस्थापित लोगों को शीघ्र राहत सहायता मुहैया करने का आग्रह किया।

राज्य गृह विभाग के अनुसार, मणिपुर से कुल 12,344 लोगों ने अभी राज्य में शरण ले रखी है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 2,8884 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जबकि शेष 9,460 राहत शिविरों से बाहर (रिश्तेदारों के घरों में या किराये के मकानों में) रह रहे हैं।

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