काशीपुर: नालों का निर्माण किया होता तो इतनी बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़ती

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Published By Shweta Kalakoti
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हर साल भरता है हिम्मतपुर में पानी, इस बार सबसे ज्यादा दिक्कतें आईं सामने

दो नालों के निर्माण नहीं होने से आ रही हैं परेशानियां

काशीपुर, अमृत विचार। हिम्मतपुर क्षेत्र से रेस्क्यू किए गए प्रभावितों के माथे पर आर्थिक नुकसान की चिंता देखी गई तो साथ ही भविष्य में इस प्रकार की स्थिति दोबारा होने का खौफ भी दिखाई दिया। प्रभावितों ने कहा कि यदि नालों का निर्माण किया होता तो यह नौबत नहीं आती और न ही उनको इतना बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता।

दरअसल, शनिवार रात को हिम्मतपुर क्षेत्र से रेस्क्यू कर राधेहरि डिग्री कॉलेज रेस्क्यू सेंटर में गए प्रभावितों ने कहा कि हर साल बरसात में बहला नदी में पानी आता है, जिसके बाद हिम्मतपुर क्षेत्र में पानी भर जाता है। लेकिन इस साल अत्यधिक पानी आने से कई फीट तक पानी भर गया। जिससे उन्हें इस साल बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है।

बाढ़ से प्रभावित ज्ञानचंद्र, विजय गौड़, निशा, चंदा देवी ने कहा कि हिम्मतपुर क्षेत्र में पानी की निकासी नहीं है। क्षेत्र में दो नाले हैं, लेकिन वह भी कूड़े से पटे पड़े हैं जिन्हें साफ नहीं किया जा रहा है। क्षेत्र में पहले भी एक बच्चे व एक व्यक्ति की पानी में डूबने से मौत हो चुकी है।

कई बार पार्षद से इस समस्या को उठाया गया, लेकिन पार्षद इस विषय पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। क्षेत्र में पानी निकासी के लिए नालियां और सड़कें भी नहीं बनी हैं। लोगों को पानी से होकर ही गुजरना पड़ता है। बाढ़ का पानी आने से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान तो हुआ ही साथ ही खाने की सामग्री समेत अन्य सामान खराब हो चुके हैं। ऐसे में यदि रेस्क्यू सेंटर से वह वापस लौटते भी हैं तो उन्हें भविष्य में भी बहला नदी के पानी से होने वाले नुकसान का डर बना रहेगा।

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