हिमाचल के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने वाला विधेयक राज्यसभा से पारित
नई दिल्ली। राज्यसभा ने बुधवार को उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान है।
उच्च सदन में ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह विधेयक हिमाचल प्रदेश के उन क्षेत्रों के लोगों के लिए लाया गया है, जो वर्षों से सुदूर, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के साथ रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय को लंबे कालखंड तक न्याय नहीं मिल पाया लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब यह विधेयक पारित हो रहा है और यह जनजातीय समुदाय के कल्याण के प्रति मौजूदा केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आबादी के अनुसार वहां अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या साढ़े तीन लाख थी। हाटी समुदाय को मिलाकर यह संख्या साढ़े पांच लाख हो जाएगी।
इस विधेयक पर चर्चा शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर मुद्दे पर सरकार के रवैये और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बयान नहीं दिये जाने के विरोध में विपक्षी दलों के साथ सदन से बहिर्गमन किया। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनि मत से ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ को पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। इस विधेयक में हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान है।
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