‘INDIA’ की तरफ से सामूहिक रूप से पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव, गुरुवार से चर्चा की मांग

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Published By Shobhit Singh
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि लोकसभा में उसके सांसद गौरव गोगोई द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का सामूहिक प्रस्ताव है तथा इस पर प्राथमिकता के आधार पर बृहस्पतिवार को ही सदन में चर्चा आरंभ होनी चाहिए। 

पार्टी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि मणिपुर के हालात ने मजबूर किया है कि यह अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आज यह जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है वो सिर्फ कांग्रेस का नहीं है, बल्कि यह ‘इंडिया’ के सारे घटक दलों की तरफ से सामूहिक रूप से लाया गया है।

आगे मनीष तिवारी का कहना था कि 84 दिनों से मणिपुर के हालात बिगड़े हुए हैं। कानून व्यवस्था चरमरा गई है। कौमों के बीच विभाजन हो गया है। सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। मणिपुर की राज्यपाल संविधान में दी हुई धाराओं का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। इन हालात में यह अविश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत पड़ी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इस अविश्वास प्रस्ताव का विस्तृत जवाब देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि नियम के अनुसार, जब अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए मंजूर कर लिया जाता है तो उसके 10 दिनों के भीतर सदन में चर्चा होती है। लेकिन लोकसभा की परंपरा रही है कि जब भी यह प्रस्ताव आता है तो बाकी सारे कार्यों को रोककर इस पर चर्चा होती है।

उन्होंने कहा कि हमारा आग्रह है कि लोकसभा अध्यक्ष को प्राथमिकता के आधार पर इसे लेना चाहिए और इस पर कल ही चर्चा आरंभ होनी चाहिए तथा जल्द से जल्द मतदान होना चाहिए। आगे तिवारी ने इस बात भी जोर दिया कि सवाल संख्या का नहीं, बल्कि नैतिकता और राष्ट्र की सुरक्षा का है। 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी। 

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