राज्यसभा में हंगामा: टोल जाम, सर्वाइकल कैंसर और धरोहर स्थलों की बदहाली पर सांसदों ने घेरा सरकार को

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Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। टोल प्लाजा पर जाम, सर्वाइकल कैंसर, यूनेस्को धरोहर स्थलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी सहित विभिन्न मुद्दे शून्यकाल के दौरान उठाते हुए राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न सदस्यों ने सरकार से इनके समाधान की मांग की। टोल प्लाजा का मुद्दा उठाते हुए शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने कहा कि अलग अलग तरीके से कई बार टैक्स देने के बाद भी राजमार्ग पर गाड़ी चलाने पर टोल टैक्स देना पड़ता है और सड़कों की हालत इतनी खराब होती है कि हजारों लोग हर साल दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। 

उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में एनएचएआई को फटकार लगाई थी। चड्ढा ने कहा कि इतना पैसा दे कर भी टोल प्लाजा पर जाम के कारण तीस से चालीस मिनट तक लाइन में लगना पड़ता है। ‘‘इसकी वजह से भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कहीं परीक्षा देने जाना है तो देर होती है। अगर किसी को अस्पताल जाना है तो देर होती है। इंटरव्यू है तो देर होती है। इस जाम की वजह से और भी समस्याएं होती हैं।’’ 

उन्होंने मांग की सरकार ऐसे नियम बनाएं कि तीस मिनट से अधिक कोई टोल प्लाजा पर जाम में खड़ा है तो उसकी गाड़ी को बिना शुल्क लिए गुजरने देना चाहिए। बीजू जनता दल की सुलता देव ने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का मुद्दा उठाया और कहा कि सर्वाइकल कैंसर का कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। उन्होंने कहा कि हमारा सामाजिक ढांचा इस प्रकार का है कि महिलाएं आज भी कई तरह की रूढ़ियों से नहीं निकल पातीं और अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दे पातीं। सुलता ने कहा कि कैंसर का इलाज बेहद महंगा होता है और सर्वाइकल कैंसर का टीका उपलब्ध है।
‘‘कैंसर के इस प्रकार में ही टीकाकरण हो सकता है अन्य में नहीं। ’’ उन्होंने कहा कि सरकार को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं के टीकाकरण पर जोर देना चाहिए ताकि वे इस बीमारी से बच सकें। इसी पार्टी के मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा के नवरंग जिले की समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वहां आदिवासी लाख का सामान बनाते हैं लेकिन जंगल से लाख एकत्र करने में खासी परेशानी होती है और फिर सामान नहीं बिक पाता। उन्होंने मांग की कि आदिवासियों के बनाए लाख के सामान को बेचने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नवरंगपुर में मेडिकल कालेज या अच्छा अस्पताल नहीं है और गरीबों को गंभीर हालत में इधर उधर रेफर करने पर उन्हें बेहद परेशानी होती है। उन्होंने जिले में मेडिकल कालेज की स्थापना करने और अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी भी दूर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल हो गए लेकिन नवरंगपुर जिले में रेल कनेक्टिविटी नहीं है। ‘‘सरकार को इन समस्याओं की ओर ध्यान देना चाहिए। भाजपा की डॉ मेधा विश्राम कुलकर्णी ने यूनेस्को के धरोहर स्थलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दूर दूर से पर्यटक इन धरोहर स्थलों को देखने आते हैं लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी न केवल उनके रोमांच पर पानी फेर देती है बल्कि हमारे देश की छवि पर भी असर डालती है। भाजपा की गीता उर्फ चंद्रप्रभा ने मांग की कि महिलाओं द्वारा किए जाने वाले घरेलू काम का आर्थिक मूल्यांकन किया जाना चाहिए और उनके कार्य को आधिकारिक दर्जा दिया जाना चाहिए। कांग्रेस की रजनी अशोकराव पाटिल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की पुत्रवधू महारानी ताराबाई से जुड़ा मुद्दा उठाया और उनकी याद में पुणे में बालिकाओं के लिए एक सैन्य विद्यालय स्थापित करने की मांग की। भाजपा के मनन कुमार मिश्रा, तृणमूल कांग्रेस के रीताव्रता बनर्जी, यूपीपी(एल) के रवंगवरा नारजारी, भाजपा के रामचंद्र जांगड़ा और इसी पार्टी के महाराजा संजाओबा लेशंबा ने भी आसन की अनुमति से लोक महत्व के विभिन्न मुद्दे उठाए

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