अनुच्छेद 370 पर बोले उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर में आया बदलाव, लोग जी रहे अपनी इच्छानुसार
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनुच्छेद 370 हटाने के चार साल पूरे होने पर शनिवार को कहा कि इस फैसले के बाद सबसे बड़ा बदलाव यह आया है कि अब केंद्र शासित प्रदेश के लोग अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जी रहे हैं। केंद्र सरकार ने आज के दिन 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
आगे उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों और अलगाववादियों द्वारा बुलाई गई हड़ताल की वजह से स्कूल, कॉलेज और कारोबारी प्रतिष्ठान साल में करीब 150 दिन तक बंद रहते थे जो अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा बदलाव जो जमीन पर दिख रहा है, वह है जम्मू-कश्मीर के आम लोग अब अपनी इच्छा के अनुसार जी रहे हैं। सड़कों पर हिंसा समाप्त हो गई है।
उप राज्यपाल ने कहा कि कश्मीर के युवा अब देर रात की जिंदगी का आनंद ले रहे हैं और झेलम रिवरफ्रंट और पोलोव्यू मार्केट में समय बिता रहे हैं जिनका जीर्णोद्धार हाल में श्रीनगर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किया गया है। सिन्हा ने कहा कि कश्मीर के युवाओं के सपनों को पंख लग गए हैं और राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान किसी और से कम नहीं होगा।
जम्मू-कश्मीर अपने पुराने गौरव को जल्द प्राप्त करेगा जिसके लिए वह पूरी दुनिया में जाना जाता है। इससे पहले डल झील के किनारे स्थित इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि गत चार साल में युवाओं, महिला शक्ति और किसानों की वजह से जम्मू-कश्मीर में बहुत बदलाव हुए हैं। मैं किसानों, युवाओं और महिलाओं को सलाम करता हूं। उनकी ताकत की वजह से नया जम्मू-कश्मीर बनाना संभव हुआ है। यह वह शक्ति है जिसने जम्मू-कश्मीर की आतंरिक ताकत को जगाया है। इसने समाज में एक नयी विश्वास प्रणाली को उत्पन्न किया।
सिन्हा ने कहा कि पिछले साल पांच अगस्त को प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार मुक्त दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह इसलिए किया गया क्योंकि आंतकवाद, अलगाववाद और भ्रष्टाचार ने जम्मू-कश्मीर को दूषित कर दिया था। सिन्हा ने कहा कि जनता मुझसे बेहतर जानती है। यह बहुत अहम है कि इस भ्रष्टचार के कैंसर का इलाज किया जाए।
यह भी पढ़ें- Gyanvapi ASI Survey पर ओवैसी बोले, हजारों बाबरी मजिस्दों के द्वार नहीं खोलेगी रिपोर्ट
