कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने कहा- WFI का निलंबन निराशाजनक, कुश्ती बदनाम हुई है...

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Published By Bhawna
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नई दिल्ली। ओलंपिक खेलों के पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित करने को चिंताजनक करार किया जबकि दो बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता करतार सिंह ने कहा कि इसका बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत की उम्मीदों पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। कुश्ती की विश्व संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने बुधवार को डब्ल्यूएफआई को चुनाव समय पर नहीं कराने के लिये निलंबित कर दिया जिससे भारतीय पहलवान आगामी विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय ध्वज के अंतर्गत नहीं खेल पायेंगे। योगेश्वर ने इस खबर को दुखद करार करते हुए उम्मीद जतायी कि जल्द ही इस संकट का निवारण कर लिया जायेगा। 

लंदन ओलंपिक 2012 के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर ने कहा, ‘‘भारतीयों के लिए यह दुखद खबर है और विशेषकर पहलवानों के लिए। पिछले छह सात महीनों से कुश्ती बदनाम ही हुई है, भले ही यह ट्रायल्स हों या फिर शोषण का मामला हो। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब आप डब्ल्यूएफआई के निलंबन की बात करते हो तो हमें देखना होगा कि एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप बस कुछेक दिन दूर है। हमारे पहलवान वहां जीत भी जायें तो हमारे देश को इसका नुकसान होगा क्योंकि कोटा किसी और देश को चला जायेगा। यह बड़ा नुकसान होगा। ’’

उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस संकट का जल्द ही हल निकाल लिया जायेगा और डब्ल्यूएफआई का चुनाव ही इसका एकमात्र समाधान होगा। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव ही इस संकट का हल है। जल्द से जल्द चुनाव कराये जाने चाहिए ताकि पहलवान उचित तरीके से ट्रेनिंग कर सकें। ’’ योगेश्वर ने कहा, ‘‘आज पहलवान जिस दुविधा का सामना कर रहे हैं, इससे उनकी ट्रेनिंग प्रभावित होगी और वे ट्रेनिंग नहीं कर पायेंगे। पहलवान भविष्य को लेकर तनाव में हैं कि उनका क्या होगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल ट्रायल्स के लिए आ रहे पहलवान तनाव में होंगे। अगर विश्व चैम्पियनशिप तक कोई समाधान नहीं निकला तो अगर वे 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करते हैं तो क्या यह वैध होगा। ’’ योगेश्वर ने भारतीय ओलंपिक संघ से इस मुद्दे को जल्द निपटाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘आईओए यूडब्ल्यूडब्ल्यू के साथ मुद्दे पर चर्चा कर रहा है और कोशिश होगी कि पहवान भारतीय ध्वज के तले ही खेलें। ’’

वहीं करतार सिंह ने कहा कि इस संकट से भारतीय कुश्ती का बड़ा नुकसान हो सकता है जिसकी भरपायी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, ‘‘चुनावी प्रक्रिया पहले ही इतने लंबे समय से टाली जा चुकी है। बार बार विलंब होना अच्छा नहीं है। सुनवाई की अगली तारीख 28 अगस्त है, अगर ऐसा होता है तो ठीक है। लेकिन फिर भी कुछ नहीं होता तो इससे भारतीय कुश्ती की अपूरणीय क्षति होगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक के बाद एक बड़ा टूर्नामेंट होना है। कुश्ती पिछले सात आठ महीनों से पिछड़ रही है जो काफी दुखद है। ’’ करतार ने कहा कि इसका उभरते हुए पहलवानों पर बुरा असर पड़ रहा है। 

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