बरेली: 90 दिन का इंतजार... दोबारा कोर्ट नहीं पहुंचा ''प्यार''

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Published By Moazzam Beg
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अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। अपनों से बगावत कर मुस्लिम कारोबारी से शादी करने की महिला दरोगा की हसरत परवान नहीं चढ़ सकी। कोर्ट मैरिज करने के लिए आवेदन करने के 90 दिन बाद महिला दरोगा तारीख पर कोर्ट में पेश नहीं हुई और न ही उसका प्रेमी आया। लिहाजा कोर्ट ने समय सीमा बीतने पर आवेदन निरस्त कर दिया।

यह मामला तीन महीने पहले तब सुर्खियों में आया था जब महिला दरोगा ने मुस्लिम युवक से कोर्ट मैरिज करने के लिए एसडीएम कोर्ट में आवेदन किया था। वह लंबे समय से युवक के साथ प्रेम संबंधों में थी। रिश्ते को शादी का नाम देने के लिए कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन करने पर बात जगजाहिर हुई तो बखेड़ा खड़ा हो गया था। महिला दरोगा के परिवार वाले भी विरोध पर उतर आए। बताते हैं कि इसी वजह से उसे कदम पीछे खींचने पड़े।

हालांकि, यह कोई इकलौता ऐसा मामला नहीं है जब प्रेमी युगल पीछे हटे हो, इससे पहले भी तमाम प्रेमी युगल आवेदन के बाद बिखरते सामाजिक ताने-बाने, परिवार के दबाव समेत आने वाली तमाम अड़चनों की वजह से पीछे हटते देखे गए हैं। मैरिज रजिस्ट्रार कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले डेढ़ बरस में ऐसे प्रेमी-युगलों की संख्या 60 फीसदी तक है, जिन्होंने प्रक्रिया शुरू होने के बाद दोबारा कोर्ट का रुख नहीं किया।

आंकड़े बता रहे हैं कि डेढ़ साल में कोर्ट मैरिज के लिए 101 युगलों ने आवेदन किया। प्रक्रिया आगे बढ़ने के बाद 61 युगल तारीखों पर कोर्ट में पेश नहीं हुए और इस आधार पर स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रावधान के अनुसार 90 दिन तक इंतजार के बाद आवेदनों को निरस्त कर दिया गया।

यह था मामला
मेरठ जिले के किला परीक्षितगढ़ की रहने वाली महिला दरोगा शहर के सुभाषनगर थाने में तैनात थी, इससे पहले वह बहेड़ी में भी रही। बहेड़ी में तैनाती के दौरान दरोगा का वहां के मुस्लिम कारोबारी से प्रेम-प्रसंग हो गया। इसके बाद महिला का तबादला सुभाषनगर थाने कर दिया गया। दोनों ने कोर्ट मैरिज के लिए 17 मई को एसडीएम कोर्ट में आवेदन किया था। 

16 जून को सुनवाई के लिए कोर्ट ने तारीख लगाई, जिसमें दरोगा के भाई ने आपत्ति लगा दी। दरोगा के भाई ने आवेदन पर आपत्ति करते हुए एडीजी से शिकायत की, जिसमें कहा कि उसकी बहन का ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण कराने की कोशिश की जा रही है। आपत्ति के बाद कोर्ट ने चार जुलाई की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की। वहीं भाई की मांग पर एडीजी पीसी मीणा ने दरोगा का तबादला मुरादाबाद रेंज के संभल जिले में कर दिया। 20 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई की तारीख थी लेकिन प्रेमी युगल पेश नहीं हुआ।

कोर्ट मैरिज के लिए तीन गवाहों के साथ शपथ पत्र कोर्ट में तारीख पर देना होता है। आवेदन करने के 90 दिन पिछले सप्ताह पूरे हो गए हैं। भाई की आपत्ति और साक्ष्यों के अभाव में 25 अगस्त को आवेदन को निरस्त करने की कार्रवाई की गई। - प्रत्यूष पांडेय, एसडीएम सदर

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