रायबरेली: एंबुलेंस चालक तथा आशा बहू को बचाने में लगाया जोर
एंबुलेंस प्रभारी ने जांच में आरोपों को सिरे में नकारा
रायबरेली, अमृत विचार। प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग पर कोटरा मोड़ के पास खुला एक निजी अस्पताल में गुरुवार को मरीजों को छोड़ने आई एंबुलेंस के मामले में एंबुलेंस चालकों और आशा बहू को बचाने में विभागीय स्तर पर पूरा जोर लगाया जा रहा है। जिले में जांच करने आए एंबुलेंस प्रभारी ने फिलहाल आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
मालूम हो कि बीते गुरुवार को एक निजी अस्पताल में तीन मरीजों को सरकारी एंबुलेंस से छोड़ा गया था। एक एंबुलेंस रोहनिया यूपी 41जी 3563 से एक ऊंचाहार से यूपी 32 ईजी 0555 से एक जगतपुर जिनके नंबर यूपी 32 ईजी 28 था। एक मीडिया की टीम ने उस दौरान मौके पर पड़ताल की थी तो एंबुलेंस कर्मियों से विवाद भी हुआ था। खास बात यह रही कि इस दौरान आशा बहू भी निजी अस्पताल के सामने थीं।
मामले को लेकर सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने जांच के आदेश ऊंचाहार सीएचसी अधीक्षक मनोज कुमार शुक्ल को दिए थे जिस पर अधीक्षक ने एंबुलेंस प्रभारी को फोन कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा था तथा समस्त एम्बुलेंस स्टाफ को हटाने के निर्देश दिए थे और जो भी सम्मिलित है उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी।
वहीं जिले से आए एंबुलेंस प्रभारी ने जांच की और कहा कि एंबुलेंस निजी अस्पताल नहीं गई थी। सवाल यह है कि एंबुलेंस की लोकेशन को इस गंभीर मामले में चेक क्यों नहीं किया गया। यदि सही से जांच हो हकीकत सामने होगी।
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