मुरादाबाद : 25 स्कूलों के 3000 बच्चे कंप्यूटर में होंगे निपुण, बनाई खास नीति

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Published By Bhawna
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मिशन दक्ष : प्राथमिक, उच्च प्राथमिक बच्चों को डायट के सहयोग से मिल रही कंप्यूटर की शिक्षा

मुरादाबाद, अमृत विचार। अब परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त कर निपुण होंगे। मिशन दक्ष के तहत जिले के तीन हजार से अधिक बच्चों को कंप्यूटर सिखाया जा रहा है। जिला प्रशासन ने कंप्यूटर में बच्चों को निपुण करने के लिए खास नीति बनाई है। 

जिले में 1401 परिषदीय विद्यालय है। इनमें प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय शामिल है। इनमें करीब दो लाख 40 हजार बच्चों का पंजीकरण है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अब कंप्यूटर की पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। मिशन दक्ष के अंतर्गत तीन हजार से ज्यादा बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें बच्चों को कंप्यूटर बेसिक जैसे पेंट, टाइपिंग, इंटरनेट चलाना, नोटपेट, वर्डपैड की जानकारी दी जा रही है। कंपोजिट विद्यालय कांशीराम नगर में पहला चरण पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण में नगर क्षेत्र के सभी 15 उच्च प्राथमिक विद्यालय और मुरादाबाद ग्रामीण के 10 विद्यालयों को इस मिशन में शामिल किया गया है।

मिशन को सफल बनाने में जुटा विभाग
एडी बेसिक बुद्धप्रिय सिंह ने बताया कि मिशन दक्ष को सफल बनाने के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है। मिशन दक्ष के लिए फिलहाल 25 विद्यालयों को स्मार्ट सिटी के सहयोग से 40 लैपटॉप और साईं संस्था की ओर से 10 लैपटॉप उपलब्ध कराए गए हैं। बच्चों को कंप्यूटर सिखाने के लिए मिशन दक्ष ऐप भी विकसित किया गया है। इससे बच्चों को कंप्यूटर सीखने में काफी आसानी हो रही है। 

डायट के सहयोग से कंप्यूटर सिखा रहे युवा
डायट के सहयोग से 30 युवा एक इंटर्नशिप कार्यक्रम के जरिये विद्यालय के छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा दे रहे हैं। वे बच्चों को कंप्यूटर पर पेंट, टाइपिंग, इंटरनेट चलना आदि की जानकारी दे रहे हैं। बच्चों की मानीटरिंग के लिए एक विशेष पोर्टल भी विकसित किया है। इसमें छात्रों को स्कूल वार ट्रैक कर सकेंगे और उनकी प्रगति का अवलोकन कर सकेंगे

प्राथमिक विद्यालयों में बनाई जा रही लाइब्रेरी
उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में कंप्यूटर शिक्षा के साथ प्राथमिक विद्यालयों में लाइब्रेरी का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे बच्चों को पढ़ाई करने के लिए बेहतर वातावरण मिल सके। साथ ही बच्चों के पढ़ाई के लिए अच्छी किताबें मिले। जिन्हें पढ़कर वह अपने भविष्य को निखार सकें।

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