पी. चिदंबरम का दावा- इंफाल घाटी में हो गया ‘जातीय सफाया पूरा’, की केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को आरोप लगाया कि मणिपुर की इंफाल घाटी में ‘‘जातीय सफाया पूरा हो गया है’’ और कहा कि इस घटनाक्रम से ज्यादा ‘‘शर्मनाक’’ कुछ नहीं हो सकता। पूर्व गृह मंत्री ने मीडिया में आई एक खबर का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया कि इंफाल से अंतिम पांच कुकी परिवारों को अधिकारियों ने उनके घरों से ‘‘जबरन हटा दिया।’’
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चिदंबरम ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इसका मतलब है कि इंफाल घाटी में जातीय सफाया पूरा हो गया है, जहां मेइती लोगों का दबदबा है।’’ चिदंबरम ने कहा, ‘‘एक राज्य सरकार ‘जातीय सफाए’ का नेतृत्व करती है और केंद्र सरकार का दावा है कि राज्य की सरकार संविधान के अनुसार चल रही है।’’ उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।
चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह भारत के अराजकता की दिशा में बढ़ने के नए निचले स्तर का प्रतीक है।’’ अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मई की शुरुआत में मणिपुर में जातीय झड़पें हुईं, जिसमें 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। नगा और कुकी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
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